गर्मियों में सनस्क्रीन लोशन त्वचा की अहम जरुरतो में से एक है। ये ना सिर्फ सूर्य की अल्ट्रा वायलेट किरणों से बचाता है, बल्कि किरणों से होने वाली अनेको त्वचा संबधी रोगो से भी बचाता है। सामान्य तौर पर कई लोग सनस्क्रीन का इस्तेमाल करते समय कई सारी बातो को अनदेखा कर देते है।
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आपको बता दें कि सनस्क्रीन का इस्तेमाल सूरज की किरणों के मुताबिक करना चाहिए। सनस्क्रीन लेते समय यूवीए और यूवीबी प्रोटेक्शन का हमेशा ध्यान रखना चाहिए।
आपको बता दें कि सूरज से आने वाली किरणें दो तरह की होती हैं - यूवीए और यूवीबी। यूवीए किरणें त्वचा की पिग्मेंटेशन को बढ़ाती है, वहीं यूवीबी किरणें टैनिंग और स्किन कैंसर को बढ़ाती है। इसलिए यूवीए से बचाव के लिए ‘एसपीएफ’ का चिन्ह और यूवीबी से बचाव के लिए ‘पीए’ का प्रतीक अवश्य देख लें। यूवीबी किरणों से बचाव के लिए आपका सनस्क्रीन कम से कम एसपीएफ 30 वाला होना चाहिए। त्वचा की रक्षा करने के लिए इतना एसपीएफ पर्याप्त होता है।
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वाटरप्रूफ और वाटर रेजिस्टेंट
बाजार में अब वाटरप्रूफ और वाटर रेजिस्टेंट सनस्क्रीन लोशन भी उपलब्ध हैं जो पानी से चेहरा धोने के बाद भी अपना असर बनाएं रखने में कारगर होते हैं। कोई भी अच्छा वाटरप्रूफ सनस्क्रीन पानी के भीतर भी लगभग 80 मिनट तक प्रभावी होगा जबकि वाटर रेजिस्टेंस सनस्क्रीन पानी में भी 40 मिनट तक कारगर रहते हैं।
कब लगाते हैं सनस्क्रीन
सही सनस्क्रीन की पहचान जितनी जरूरी है, उतना ही जरूरी यह भी है कि आप सनस्क्रीन लोशन लगाते कब है। इसका उपयोग त्वचा पर धूप में निकलने से कम से कम 20 मिनट पहले सनस्क्रीन लगाने से ही फायदा मिलता है।
सोर्स – गूगल
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