अवसाद एक ऐसी बिमारी है जिसका इलाज किसी दवाई के द्दारा नहीं होता। ये अंदर ही अंदर व्यक्ति को पूरा खा जाता है। और देखते ही देखते व्यक्ति या तो पागल हो जाता है या फिर उसका अंत हो जाता है। आपको बता दें कि दुनिया भर में अवसाद से ग्रस्त लगभग 35 करोड़ लोगों को न्यूनतम उपचार भी प्राप्त नहीं हो पाता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन(डब्लूएचओ) द्वारा 21 देशों के 50000 लोगों पर करवाए गए एक अंतरराष्ट्रीय अध्ययन के अनुसार अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं वाले विकसित देशों में भी अवसाद से ग्रस्त 20 प्रतिशत लोगों का ही इलाज बेहतर तरीके से हो पाता है।
अगर आपके शरीर के अंगो से भी आती है ये आवाजे तो हो जाइए सावधान!
गरीब देशों में तो यह स्थिति बेहद डरावनी है। अध्ययन के अनुसार गरीब देशों में अवसाद से ग्रस्त 27 लोगों में से केवल एक को ही बेहतर उपचार मिल पाता हैं। शोध की अगुवाई कर रहे किंग्स कॉलेज,लंदन के प्रोफेसर ग्राहम थोरनीक्रोफ्ट ने बताया,अवसाद से ग्रस्त अधिकतर लोगों का इलाज बहुत कम हो पाता है।
उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संगठनों से आह्वान किया कि मानसिक स्वास्थ्य सेवा में बढ़ोतरी के लिये संसाधन और उपाय बढ़ाने चाहिये ताकि अवसाद से ग्रस्त सभी लोगों का बेहतर इलाज हो सके।
स्टैमिना बढ़ाने के लिए इन 5 फूड को करे अपनी डाइट में शामिल
विश्व स्वास्थ्य संगठन(डब्लूएचओ) के अनुसार दुनिया भर में सभी उम्र के लगभग 35 करोड़ लोग अवसाद से ग्रस्त हैं जिससे दुनिया भर में कार्य हीनता की स्थिति बढ़ रही है। अध्ययन में सामने आया है कि हालांकि इस बात को लेकर लोगों में जागरुकता बढ़ रही है कि अवसाद का इलाज हो सकता है और मनोवैज्ञानिक उपचारों और ध्यान लगाकर इसका उपचार किया जा सकता है।
यह शोध ब्रिटिश जर्नल ऑफ साइकिएट्री में प्रकाशित हुआ है। यह अध्ययन ब्राजील, बुल्गारिया, कोलंबिया, इराक, मैक्सिको, नाइजीरिया,चीन, अर्जेंटीना, जर्मनी, इजरायल, जापान, पुर्तगाल, स्पेन और अमेरिका समेत करीब 21 देशो के लोगो पर किया गया था।
बड़ा फायदेमंद है सेंधा नमक जानिए इसके अचूक फायदो के बारे में
महिलाओं के लिए उम्र का 30वां साल एक खूबसूरत अहसास
रुकिए! एक्सपायर ब्यूटी प्रोडक्ट्स को फेंके नहीं बल्कि ऐसे करें Re-use
शौक के लिए नहीं बल्कि सेहत के लिए पढ़े अब किताबें...