नई दिल्ली। बॉडी मास इंडैक्स (बीएमआई) अर्थात शरीर द्रव्यमान सूचकांक, ये बताता है कि शरीर का भार उसकी लंबाई के अनुपात में ठीक है या नहीं। भारतीयों के लिए उनका बीएमआई 22.1 से ज्यादा नही होना चाहिए। किसी जवान इंसान के शरीर का अपेक्षित भार उसकी लंबाई के अनुसार होना चाहिए, जिससे उसके शरीर का ढ़ांचा ठीक लगे। सामान्य से ज्यादा बीएमआई की वजह से अधेड़ और इससे अधिक की आयु में दिल के रोगों का खतरा रहता है।
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एक शोध के अनुसार, उच्च बीएमआई से 17 साल की आयु में भी दिल संबंधी रोगों का खतरा हो सकता है। ब्रिटेन के ब्रिस्टल विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने कहा है कि बीएमआई के बढ़ने के कारण युवा अवस्था में ही दिल संबंधी रोगों के चपेट में आने की संभावना है।
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ब्रिस्टल विश्वविद्यालय के शोध सहायक कौटलीन वाडे ने कहा, "हमारे रिजल्ट बताते हैं कि उच्च बीएमआई का प्रभाव हमारे बाएं वेंट्रिकल से पंप किए जाने वाले खून के आयतन पर पड़ता है। यह वह भाग है, जिसमें अधिक बीएमआई का कार्डियक हाइपरट्रोफी व उच्च रक्त चाप पर असर देखा जा सकता है।"
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