भारत चरण चार लागू करने के प्रयासों में अड़चन न बने वाहन कंपनियां

Samachar Jagat | Sunday, 26 Mar 2017 03:47:59 PM
In the efforts to implement Bharat Stage 4 do not Hitch auto companies

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने वाहन कंपनियों से सरकार द्वारा प्रदूषण पर अंकुश के लिए किए जा रहे उपायों में भारत चरण तीन उत्सर्जन मानक वाले वाहनों की बिक्री के जरिये अड़चन नहीं बनने को कहा है। वाहन कंपनियों के पास बीएस-तीन वाहनों का स्टॉक बना हुआ है।

शीर्ष अदालत वाहन विनिर्माताओं की उस याचिका की सुनवाई कर रही है जिसमें 8.2 लाख बीएस-तीन वाहनों के भंडार को निकालने की अनुमति देने की अपील की गई है। न्यायालय ने संकेत दिया कि वह या तो ऐसे वाहनों के पंजीकरण पर रोक लगाएगा या फिर प्रदूषण की वजह से स्वास्थ्य को होने वाले नुकसान के लिए लागत लगाएगा।

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न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर तथा न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा, ‘‘केंद्र सरकार ने बीएस-चार र्इंंधन के उत्पादन के लिए प्रौद्योगिकी उन्नयन को करोड़ों रुपये खर्च किए हैं। कंपनियों को 8.2 लाख बीएस-तीन वाहनों की बिक्री करने के जरिये सरकार के इन प्रयासों को ‘चोट’ पहुंचाने की अनुमति नहीं दी जाती।’’ इस मामले में अगली सुनवाई 27 मार्च को होगी।

भारत चरण चार उत्सर्जन मानक एक अप्रैल से अस्तित्व में आ रहे हैं। वाहन कंपनियों के पास बीएस-तीन उत्सर्जन वाले वाहनों का भंडार है। इसी वजह से वाहन कंपनियों ने इस स्टॉक को निकालने की अनुमति मांगी है।

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सुनवाई के दौरान पीठ ने वाहन कंपनियों से कहा कि उसके समक्ष तीन विकल्प हैं। या तो बीएस-तीन वाहनों का पंजीकरण पूरी तरह रद्द कर दिया जाए, तो फिर उनके पंजीकरण की अनुमति दी जाए लेकिन प्रमुख शहरों में उनको चलाने पर रोक लगा दी जाए। इसके अलावा एक अन्य विकल्प यह है कि स्वास्थ्य को होने वाले नुकसान के मद्देनजर कंपनियों पर लागत लगाई जाए और वे सरकार द्वारा ईंधन के उन्नयन पर खर्च हुए भारी राशि की इसके जरिये भरपाई करें।- भाषा

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