भगवान शिव के दो पुत्रों गणेश और कार्तिकेय के बारे में तो सभी जानते हैं क्या आप जानते हैं इनके अलावा भगवान शिव का एक और पुत्र था। शिव के तीसरे पुत्र का नाम सुकेश था। आइए आपको बताते हैं कैसे एक साधारण बालक सुकेश बना भगवान शिव का पुत्र...
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पौराणिक कथाओं के अनुसार राक्षसों का प्रतिनिधित्व दो लोगों को सौंपा गया- हेति और प्रहेति, ये दोनों भाई थे। ये दोनों भी दैत्यों के प्रतिनिधि मधु और कैटभ के समान ही बलशाली और पराक्रमी थे। प्रहेति धर्मात्मा था तो हेति को राजपाट और राजनीति में ज्यादा रुचि थी।
राक्षसराज हेति ने अपने साम्राज्य विस्तार हेतु काल की पुत्री भया से विवाह किया। भया से उसके विद्युत्केश नामक एक पुत्र का जन्म हुआ। विद्युत्केश का विवाह संध्या की पुत्री सालकटंकटा से हुआ। सालकटंकटा व्यभिचारिणी थी। इस कारण जब उसका पुत्र जन्मा तो उसे लावारिस छोड़ दिया गया।
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पुराणों के अनुसार भगवान शिव और मां पार्वती की उस अनाथ बालक पर नजर पड़ी और उन्होंने उसको सुरक्षा प्रदान की। इसका नाम उन्होंने सुकेश रखा। इस तरह से एक साधारण लावारिस बालक को भगवान शिव और माता पार्वती ने अपना पुत्र बना लिया।
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