शिवाजी का जन्म 19 फ़रवरी 1630 को शिवनेर के दुर्ग में हुआ था, शिवाजी मराठा राज्य के प्रथम शासक थे। शिवाजी के पिता का नाम शाहजी भोंसले और शिवाजी की माता का नाम जीजाबाई था। शिवाजी बचपन से ही बहुत साहसी थे, उनका लालन-पालन उनकी माता जीजाबाई ने किया था। अपनी माता से वीरता की कहानियां सुनकर शिवाजी बड़े हुए और उन्हें स्वामी रामदास का सानिध्य प्राप्त हुआ।
हमेशा फूलों से ढका रहता है इस मंदिर का कुंड
स्वामी रामदास ने शिवाजी को निर्भीकता, अन्याय से जूझने की शिक्षा दी। शिवाजी चाहते थे कि मराठों का एक अलग दूसरा राज्य हो और अपने इसी सपने को पूरा करने के लिए शिवाजी ने मात्र 18 वर्ष की उम्र में अपनी सेना इक्ट्ठी करनी शुरू कर दी। एक अलग मराठा राज्य बनाने के उद्देश्य से शिवाजी ने धीरे-धीरे आस पास के छोटे राज्यों पर आक्रमण करना शुरू कर दिया और उन्हें जीत लिया।
शिवाजी ने बीजापुर और सूरत जैसी जगहों पर अपना कब्जा जमाया और रायगढ़ में पंडित गंगाभट्ट द्वारा शिवाजी का राज्याभिषेक हुआ। इसी के बाद से शिवाजी को छत्रपति शिवाजी कहा जाने लगा। छत्रपति शिवाजी का विवाह 14 मई को सइबाई निम्बालकर के साथ लाल महल, पुना में हुआ था।
यहां आज भी आल्हा और ऊदल रोज मंदिर में आकर करते हैं माता के दर्शन
शिवाजी के राज्याभिषेक के कुछ दिनों बाद ही उनकी माता का स्वर्गवास हो गया। शिवाजी अपने गुरू की बहुत इज्जत करते थे और उन्होंने अपने गुरु की चरण पादुका रखकर शासन किया। इसके साथ ही उन्होंने अपने गुरु के नाम पर ही सिक्के बनवाए। 1680 में शिवाजी का देहांत हो गया।
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