छत्रपति शिवाजी एक कुशल शासक थे, वे चाहते थे कि मराठों के साम्राज्य का विस्तार हो और उनका एक अलग से राज्य हो। अपने इसी सपने को साकार करने के लिए शिवाजी ने मात्र 18 वर्ष की उम्र से अपनी एक अलग से सेना एकत्रित करनी शुरू कर दी और उन्होंने अपनी योग्यता के बल पर मराठो को संगठित करके अलग मराठा साम्राज्य की स्थापना की। इस शिवाजी जयंती पर हम आपको बता रहे हैं कैसी थी छत्रपति शिवाजी की शासन प्रणाली। कैसे उन्होंने कभी किसी के सामने हार नहीं मानी। आइए जानते हैं शिवाजी महाराज की शासन प्रणाली के बारे में...
हमेशा फूलों से ढका रहता है इस मंदिर का कुंड
शिवाजी ने अपनी राज्य व्यवस्था के लिए 8 मंत्री नियुक्त किए, उन्हें अष्ट प्रधान के नाम से जाता था। इन मंत्रियों में पेशवा का पद सबसे महत्वपूर्ण होता था।
साम्राज्य की सुरक्षा के लिए शिवाजी ने एक अनुशासित सेना बनाई, शिवाजी अपनी सेना को नकद वेतन देते थे।
यहां आज भी आल्हा और ऊदल रोज मंदिर में आकर करते हैं माता के दर्शन
शिवाजी छापामार युद्ध प्रणाली का प्रयोग करते थे, उन्होंने एक जहाजी बेडा भी बनाया इसलि शिवाजी को आधुनिक नौ सेना का जनक भी कहा जाता है।
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