अक्सर हम किसी की पंसद नापंसद का विशेष ध्यान रखते है। अगर बात हमारे ईष्ट की हो तो इसका बेहद ध्यान दिया जाता है, कि हमारे द्वारा पूजे जाने वाले भगवान की पंसद क्या है? हिंदु धर्म में सभी देवी देवताओं की पंसद ना पसंद का ध्यान भक्तों द्वारा विशेष रुप से दिया जाता है। उन्हें उन्हीं की पंसद ना पंसद को नजर रखते हुए भगवान की भक्ति की जाती है।
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कुछ ऐसी ही पंसद के बारे में हम आपको बताने जा रहे है। जिनसे शायद ही आप अवगत हो। गणेश जी की पसंद के बारे में क्या आपको पता है.. नहीं ना तो आइए हम उनकी पसंद के बारे में बताते है। ताकि उन्हें ध्यान में रखकर उन्हें खुश किया जा सके।
= गणेश जी को दूर्वा से बडा विशेष लगाव है।
= बैठे रहना इनकी आदत है।
= अक्सर इनकी कथाओं में मिलता है कि इनकी बैठे रहनां आदत है।
= इनके प्रथम स्मरण मात्र से ही ये कार्य को निर्विध्न संपन्न करते है।
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= स्वस्तिक इनका चिन्ह् है।
= चूंकि चतुर्थी तिथि को इनकी जन्म तिथि है, इसलिए ये तिथि इन्हें बेहद प्रिय है।
= लाल सिंदूरी रंग इनका प्रिय है।
= लिखना इनकी विशेष कला है।
= गणेश जी को दक्षिण दिशा की ओर मुंह करना बिल्कुल पंसद नही है।
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= इन्हें पूर्व दिशा अच्छी लगती है।
= सिंदूर और शुध्द घी की मालिश इनकों बेहद प्रसन्न करती है।
= बात करें गृहस्थाश्रम की तो ये आदर्श देवता के रुप में माने जाते है।
= अपनें भक्तों की कामना को शीघ्र पूर्ण कर देते है।
= चूहा इनका वाहन है।
सोर्स – गूगल
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