जयपुर। राजस्थान सरकार सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के छात्रावासों में आवासरत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं विशेष पिछड़ा वर्ग एवं सामान्य वर्ग के प्रतिभावान अभ्यर्थियों को सूचीबद्ध संस्थाओं-आईआईटी, आईआईएम, विधि, राष्ट्रीय स्तर के मेडिकल कॉलेज एवं राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान में प्रवेश लेने के लिए नि:शुल्क कोचिंग करायेगी।
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सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. अरूण चतुर्वेदी ने बताया कि मुख्यमंत्री नि:शुल्क कोचिंग योजना के तहत इन वर्गों के प्रति वर्ष एक हजार बच्चों को इन संस्थानों में प्रवेश के लिए जयपुर एवं कोटा में कार्यरत प्रतिष्ठित चयनित कोचिंग संस्थानों का चयन कर उनमें कोचिंग कराई जायेगी।
डॉ. चतुर्वेदी ने बताया कि नि:शुल्क कोचिंग योजना का मुख्य उद्देश्य कमजोर वर्ग एवं आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के प्रतिभावान विद्यार्थियों को रोजगारपरक उच्च स्तरीय व्यावसायिक पाठ्यक्रमों एवं राष्ट्रीय स्तर के शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए समर्थ बनाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
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उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों को इंजीनियरिंग, मेडिकल पाठ्यक्रमों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए दो वर्ष एवं विधि व प्रबंधन पाठ्यक्रमों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए एक वर्ष कोचिंग सुविधा दी जायेगी। उन्होंने बताया कि कोटा एवं जयपुर में सभी वर्गों के पांच-पांच सौ विद्यार्थियों का प्रतिवर्ष चयन किया जायेगा। उन्होंने बताया कि चयनित कोचिंग संस्थान को कोचिंग के लिए प्रथम वर्ष में अधिकतम राशि 60 हजार रुपये प्रति विद्यार्थी स्वीकृत की जायेगी।
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