जयपुर। राजस्थान के कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी ने संस्कारवान शिक्षा को ही राष्ट्र निर्माण की नींव बताते हुए कहा कि अच्छे आचरण एवं संस्कार के बिना समाज में शिक्षा का महत्व नहीं है। शिक्षित होने के साथ ही दीक्षित होना भी जरूरी है।
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श्री सैनी बूंदी के राजकीय महाविद्यालय में आयोजन वार्षिकोत्सव एवं पारितोषिक वितरण समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षा के साथ संस्कार होना वर्तमान युग की महत्ती आवश्यकता है। यह राष्ट्र निर्माण के लिए अत्यन्त उपयोगी है। उन्होंने चाणक्य का ²ष्टांत देते हुए कहा कि बालिकाएं दो परिवारों को पोषित करती है। संकल्प, समर्पण एवं संस्कार के साथ संयम ही युवा जीवन की आधारशिला है।
उन्होंने कहा कि स्पष्ट उद्देश्य, सुनियोजित योजना एवं गतिमान लक्ष्य को साधकर सफलता हासिल की जा सकती है। उन्होंने कहा कि प्रलय एवं सृजन शिक्षक की गोद से होते हैं। इस दौरान उन्होंने महाविद्यालय में अतिरिक्त कक्षा कक्ष बनवाने का भरोसा भी दिलाया।
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समारोह में विधायक संदीप शर्मा ने छात्र-छात्राओं को कहा कि महाविद्यालय शिक्षा का मंदिर है, जो युवाओं के उज्ज्वल भविष्य की नींव रखता है। उन्होंने छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि वे अपनी ऊर्जा को सकारात्मक कार्यों में लगाए। इससे पूर्व श्री सैनी ने सर्किट हाऊस में आमजन के अभाव अभियोग भी सुने और संबंधित विभागीय अधिकारियों को निस्तारण के निर्देश दिए।
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