नई दिल्ली। देश के विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर अक्टूबर में पिछले 22 माह के उच्च स्तर पर पहुंच गई। इस दौरान नए ऑर्डर, खरीद और उत्पादन गतिविधियों में तीव्र वृद्धि दर्ज की गई। भारत में विनिर्माण क्षेत्र के प्रदर्शन को मापने वाले दि निक्केई मार्किट इंडिया मैन्युफैक्चरिंग पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) अक्टूबर में बढ़कर 54.4 पर पहुंच गया जबकि एक माह पहले सितंबर में यह 52.1 अंक पर था। यह वृद्धि देश के विनिर्माण क्षेत्र में जोरदार गतिविधियों को दर्शाती है।
दूसरी तिमाही में तेज होगी भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर :एसोचैम रिपोर्ट
विनिर्माण क्षेत्र के प्रदर्शन मामले में 50 से ऊपर का अंक क्षेत्र में गतिविधियों के विस्तार को दर्शाता है जबकि इससे नीचे का अंक इसमें गिरावट का सूचक है। पीएमआई की यह रिपोर्ट तैयार करने वाली आईएचएस मार्किट अर्थशास्त्री पॉलीयाना डे लिमा ने कहा, अक्टूबर के आंकड़े भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी खबर लाए हैं। इस दौरान विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादन और नए ऑर्डर में क्रमशः 46 और 22 माह में सबसे तेज गति से विस्तार दर्ज किया गया।
पीएमआई रिपोर्ट के अनुसार अक्टूबर 2016 में उत्पादन में लगातार दसवें महीने वृद्धि दर्ज की गई, जबकि यह करीब चार साल की सबसे तीव्र वृद्धि रही है। अध्ययन में भाग लेने वालों ने इस वृद्धि के लिए नए ऑर्डर की मजबूती को अहम बताया है। लीमा ने कहा, पिछली तिमाही में अंतर्निहित वृद्धि की जो नींव पड़ी थी उसी के ऊपर यह क्षेत्र आगे बढ़ा है।
339.69 अंक की भारी गिरावट के साथ खुला सेंसेक्स
हालांकि, उन्होंने कहा है कि रिजर्व बैंक द्वारा मौद्रिक नीति को और सहज बनाने से मुद्रास्फीति जोखिम बढ़ा है। मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने दो दिन की समीक्षा के बाद 4 अक्टूबर को रेपो दर को 6.50 प्रतिशत से घटाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया था। इस समिति में तीन सदस्य सरकार की तरफ से नामित हैं जबकि शेष सदस्य रिजर्व बैंक से हैं। एमपीसी की अगली बैठक 6 और 7 दिसंबर को होनी है।-एजेंसी
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