नई दिल्ली। उद्योग मंडल एसोचैम की एक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही अक्टूबर-मार्च (2016-17) में तेज होगी क्योंकि बिक्री में तेजी और उत्पादन क्षमता के इस्तेमाल में सुधार दिख रहा है। सर्वे का निष्कर्ष है कि नए निवेश और रोजगार के नए अवसरों के सृजन की चुनौती अभी बने रहने के आसार हैं।
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इसमें कहा गया है कि दूसरी छमाही में तेजी का सबसे बड़ा दारोमदार खास कर सरकारी निवेश पर है जो बुनियादी ढांचा विकास पर भारी निवेश कर रही है। एसोचैम बिजकॉम सर्वे रिपोर्ट में शामिल 66 प्रतिशत कंपनियों ने उम्मीद जताई कि दूसरी छमाही में उनकी बिक्री और उत्पादन क्षमता का उपयोग बढ़ने की उम्मीद है पर वे नए निवेश के बारे में अभी पक्का नहीं कह सकते। सरकार के नीतिगत सुधारों और अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ाए जाने की संभावनाओं के बीच वैश्विक स्तर पर दिख रही चुनौतियों के बावजूद रुपए की विनिमय दर में स्थायित्व से भी वृद्धि को लेकर स्थानीय कंपनियों का विश्वास बढ़ा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2016-17 की पहली छमाही की तुलना में दूसरी छमाही को लेकर विश्वास ज्यादा स्पष्ट झलकता है। एसोचैम के अध्यक्ष सुनील कनौड़िया ने कहा, एक अच्छी बात यह है कि इस समय कंपनियों के विश्वास में स्पष्ट सुधार दिख रहा है। यह नए निवेश और उपभोक्ताओं के आत्मविश्वास की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है।
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सर्वे रिपोर्ट के अनुसार बहुमत (55.6 प्रतिशत प्रतिभागियों) का कहना है कि सितंबर तिमाही में बिक्री बढ़ी है और वे मानते है कि अक्टूबर-दिसंबर 2016 में बिक्री और बेहतर होगी। हालांकि, कनौडिया का कहना है कि जब तक उपभोक्ता मांग में अभी और सुधार नहीं होता, उत्पादकों और सेवा प्रदाताओं की दाम बढ़ाने की ताकत नहीं बढ़ेगी।-एजेंसी
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