साइबर सुरक्षा के लिए अधिक धन खर्च करने की जरूरत : एसोचैम

Samachar Jagat | Tuesday, 14 Feb 2017 03:41:31 PM
Need to spend more money for cybersecurity ASSOCHAM

नई दिल्ली। उद्योग संगठन एसोचैम का कहना है कि देश में डिजिटलीकरण के साथ-साथ साइबर हमलों के बढ़ते जोखिम से निपटने के लिए सरकार को साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में अधिक खर्च करने की सख्त जरुरत है। एसोचैम और पीडब्ल्यूसी द्वारा आज जारी संयुक्त अध्ययन‘साइबर एंड नेटवर्क सिक्योरिटी-रिकंमडेशंस‘में कहा गया है कि सरकार को बड़ी तेजी से साइबर सुरक्षा के मद में खर्च बढ़ाने की जरुरत है।

सरकार को साइबर सुरक्षा से संबधित पहलों के लिए जैसे क्षमता निर्माण, कर्मचारियों के प्रशिक्षण, जागरूकता अभियानों के संचालन और शोध एवं विकास को प्रोत्साहन देने की दिशा में बजट बढ़ाने की आवश्यकता है।

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एसोचैम ने साथ ही उद्योग जगत को सलाह दी है कि वह योग्य साइबर सुरक्षा पेशेवरों को आकर्षित करने और उन्हें बरकरार रखने की दिशा में अपना प्रयास बढ़ाये । उद्योग संगठन का कहना है कि समस्या होने के बाद उसका निदान ढूंढने से बेहतर है कि पहले ही उससे बचने के कदम उठाये जायें। साइबर अपराध की बढ़ती घटनाओं के खिलाफ सबसे अच्छा सुरक्षा कवच है-सुरक्षित माहौल का निर्माण।

अध्ययन के मुताबिक सरकार को व्यापक और परिपक्व सुरक्षा नीति विकसित करने पर ध्यान देना चाहिए ताकि क्लाउड और स्मार्ट सिटी जैसी उभरती टेक्नोलॉजी को साइबर खतरों, जोखिम से बचाया जा सके और डाइनेमिक डिजिटल अर्थव्यवस्था के निर्माण में मदद मिल सके।

एसोचैम ने सलाह दी है कि ढांचागत सुरक्षा तकनीक का इस्तेमाल करके साइबर खतरों से निपटना ही ध्येय होना चाहिए। अगर पहले से साइबर खतरे से निपटने का ढांचा तैयार होगा तो इससे कारोबार का कुल खर्च कम होगा तथा पूरे सिस्टम की क्षमता बढ़ जायेगी।

उद्योग संगठन ने अपने अध्ययन के जरिये सिफारिश की है कि सरकार, नियामकों तथा इंटरप्रोइजेज को अपनी रणनीति तथा उनके अनुपालन में ढांचागत सुरक्षा व्यवस्था अपनानी चाहिए।

सरकार और नीति नियामकों को साथ ही प्रोत्साहन, टैक्स ब्रेक और प्रौद्योगिक विकास के परिप्रेक्ष्य से व्यापक साइबर सुरक्षा नीति और ढांचा विकसित करनी चाहिए। नीतियां ऐसी होनी चाहिए कि उससे सार्वजनिक क्षेत्र के शोध में निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहन मिले और शोध एवं विकास तथा बौद्धिक संपदा के वाणिज्यिकरण को बढावा दिया जाये।

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वैश्विक साइबर सुरक्षा सहयोग को बढावा देने के लिए भारत को अंतरराष्ट्रीय समझौतों, द्विपक्षीय समझौतों और समझौता ज्ञापन पत्रों के जरिये अन्य देशों तथा वैश्विक साइबर सुरक्षा एजेंसियों के साथ सक्रिय रुप से सहयोग सुनिश्चित करना चाहिए। साइबर हमले की घटनाओं पर लगाम लगाने तथा राज्य की खुफिया एजेंसियों , केंद्रीय खुफिया एजेंसियों तथा अन्य विभागों के बीच सूचनाओं का प्रवाह अबाध हो ,इसके लिए रुपरेखा बनाने की जरुरत है।

साइबर हमले देश की आर्थिक तथा राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरनाक हैं इसीलिए सरकार, उद्योग जगत तथा सुरक्षा एजेंसियों को नीति निर्माण तथा उनकी अनुपालना के लिए एक मंच पर आना है। एसोचैम ने साथ ही कहा है कि पुलिस, न्यायधीशों तथा नीति निर्माताओं को साइबर सुरक्षा का प्रशिक्षण देना अति है क्योंकि तब ही वे साइबर सुरक्षा के संबंध में निर्णय लेने योग्य हो पायेंगे।-वार्ता

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