पटना। सऊदी अरब में फंसे बिहार के 22 लोग बुधवार को मगध एक्सप्रेस ट्रेन से पटना जंक्शन पहुंचे। जंक्शन से उन्हें बस का किराया, खाने के पैसे देकर उनके घर जाने वाली बस में बैठा दिया गया। विदेश मंत्रालय की पहल पर इन्हें सउदी अरब से दिल्ली लाया गया था। यहां से ट्रेन के जरिए इन्हें पटना जंक्शन लाया गया जहां श्रम विभाग की ओर से मजदूरों को घर भेजवाने की व्यवस्था की गई। 22 मजदूरों में से 11 सिवान, 7 गोपालगंज तथा एक-एक छपरा, मोतिहारी, दरभंगा व बेतिया के हैं।
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श्रम विभाग के पदाधिकारी सऊदी से आए लोगों को लेने स्टेशन पहुंचे थे। इनमें ज्यादातर लोग गोपालगंज, सीवान, बेतिया व दरभंगा के रहने वाले हैं। ये लोग सऊदी के दमाम के सनईया रोड स्थित साद ग्रुप ट्रेनिंग सेंटर की कंपनी में मजदूरी कर रहे थे। सीवान, गोपालगंज के मो. सलाउद्दीन, सफी उल्ला, सोहेल अहमद, शहजाद आलम, हैदर अली (दरभंगा) ने बताया कि सऊदी में बिहार के हजारों लोग वहां पर काम कर रहे थे। कुछ कंपनी वाले एक साल से काम करवाकर पैसा नहीं दे रहे थे। खाने का पैसा भी नहीं दे रहे थे।
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कंपनी से पैसे के मांगने पर झूठे केस दर्ज करवाकर जेल भेज दिया जा रहा था। एक साल के बाद आईडी कार्ड का नवीनीकरण भी नहीं कराया गया। सऊदी में भारत के कई राज्यों से काम करने गए मजदूरों ने वहां छह माह से हड़ताल कर दी थी। मो. सलाउद्दीन ने बताया कि भारतीय दूतावास व सऊदी सरकार के हस्तक्षेप के बाद मजदूरों ने हड़ताल खत्म कर दी। वहां से सभी मजदूरों को स्पेशल फ्लाइट से दिल्ली भेजा गया। दिल्ली आने के बाद श्रम विभाग ने सभी को ट्रेन का किराया व खाने का खर्च देकर घर तक भेजा है।
सीवान लेबर डिपार्टमेंट के सुपरिंटेंडेंट गणेश कुमार झा, श्रीनिवास ओझा ने बताया कि सऊदी से आये लोगों को 150 रुपए बस का किराया व खाने के लिए 100 रुपए दिए गए हैं। पटना जंक्शन से सरकारी गाड़ी से सभी को बस स्टैंड ले जाया गया।
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