नई दिल्ली। अगर आप भी डोले- शोले बनना चाहते हैं तो भूलकर भी इस डाइट सप्लिमेंट को अपनी लिस्ट में शामिल ना करें। इस डाइट सप्लिमेंट से आपके डोले तो बनेंगे नहीं साथ ही आपकी सेहत पर भी इसका बुरा असर पड़ेगा।
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किटोजेनिक डाइट में बहुत कम मात्रा में कार्बोहाइड्रेट पाए जाते हैं। जिसकी वजह से मांसपेशियों में ग्लाइकोजन की कमी हो सकती है। एक अध्ययन के अनुसार, शरीर में ग्लाइकोजन की कमी होने की वजह से व्यक्ति उच्च तीव्रता वाली एरोबिक एक्सरसाइज को प्रभावी ढंग से नहीं कर सकता। उदाहरण के लिए- वेट लिफ्टिंग और स्प्रिंट आदि। किटो आहार पर लंबे समय तक निर्भर रहना हमारे लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता हैं। क्योकि किटोजेनिक डाइट आसानी से उपलब्ध नहीं हो पाती और कार्बोहाइड्रेट हमारे शरीर को इंस्टेंट एनर्जी देते हैं। साथ ही ये आसानी से उपलब्ध भी हो जाते हैं।
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एक अध्ययन के अनुसार, केटोजेनिक आहार की वजह से शरीर में होने वाले विकास के स्तर को देखा गया उसमे ये बात काफी चौंकाने वाली थी कि जो लोग लंबे समय से किटो डाइट ले रहे थे उनके ग्रोथ हार्मोन में काफी कमी आई थी। ये भी माना जाता है कि किटोजेनिक आहार शरीर में मौजूद वसा को कम करता है। इसके बावजूद कुछ लोग अपने डोले बनाने के लिए सिर्फ किटो डाइट के भरोसे रहते है।
आपको बता दे की शोध के अनुसार किटोजेनिक आहार शरीर में इंसुलिन की मात्रा को भी बाधित करता है। जिसकी वजह से मांसपेशियों के निर्माण की प्रक्रिया काफी हद तक प्रभावित होती है।
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