नई दिल्ली। बच्चों को पढ़ना बड़ा ही धैर्य का काम है। बच्चा आपसे एक ही सवाल कई बार कर सकते है और आपको उसे समझाना पड़ सकता है। वैज्ञानिकों के अनुसार, बच्चों के पढ़ने के दौरान उनसे बात करने से उनका मस्तिष्क बेहतर रूप से सक्रिय हो सकता है। उन्होंने सुझाव दिया है कि किसी पुस्तक को सिर्फ जोर-जोर से पढ़ना ही करीब चार साल के बच्चे के ज्ञान संबंधी विकास को बेहतर करने के लिए पर्याप्त नहीं हो सकता। ‘फंक्शनल मैग्नेटिक रिसोनेंस इमेजिंग’ (एफएमआरआई) ने उन चार साल के बच्चों का मस्तिष्क कहीं अधिक सक्रिय पाया, जिन्हें कहानी सुनाने के दौरान उनसे बातचीत की गई।
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यह अध्ययन अमेरिका के सिनसिनाटी चिल्ड्रेन हॉस्पिटल मेडिकल सेंटर में किया गया। यह बातचीत के साथ -साथ पढ़ाई करने पर जोर देता है जहां बच्चों को सक्रियता से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
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बच्चों के विशेषज्ञ जॉन हुटन ने कहा, ‘‘यह मस्तिष्क की सक्रियता को बढ़ा सकता है या साक्षरता कौशल का विकास तेज कर सकता है, खास तौर पर बच्चों के स्कूल जाने से पहले की उम्र में।’’ उन्होंने कहा कि इस अध्ययन में माता पिता के लिए यह निष्कर्ष है कि उन्हें अपने बच्चों के पढ़ने के दौरान उनसे बात करते रहना चाहिए, सवाल पूछने चाहिए, उन्हें पन्ने पलटने को कहना चाहिए और आपस में बात करनी चाहिए।
हूटन ने कहा- अध्ययन के अनुसार, बच्चों के पुस्तक पढ़ने के दौरान उनके और माता पिता के बीच संवाद की अहमियता का पता चला। हुटन इस अध्ययन दल के प्रमुख थे।
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