गोर्वधन पूजा की परंपरा द्दापर युग से चली आनें वाली परंपराओं में से है। दीपावली के बाद होने वाली गोर्वधन पूजा का विशेष महत्व है। स पूजन में घर के आंगन में गाय के गोबर से गोवर्धननाथ जी की अल्पना बनाकर उनका पूजन करते है। इसके बाद ब्रज के साक्षात देवता मानें जाने वाले गिरिराज भगवान को प्रसन्न करनें के लिए अन्नकूट का भोग लगाया जाता है।
दीवाली पूजन में इन चीजों को जरुर करें शामिल
ग्रामीण क्षेत्रों में गाय बैल आदि पशुओं को स्नान कराकर फूल मालाएं धूप चन्दन आदि से उनका पूजन किया जाता है। गायों को मिठाई खिलाकर उनकी आरती उतारी जाती है। तथा प्रदक्षिणा की जाती है। गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाकर जल, रोली, चावल, फूल दही तथा तेल का दीपक जलाकर पूजा अर्चना की जाती है। तथा परिक्रमा की जाती है।
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