वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया को अक्षय तृतीया कहा जाता है, अक्षय तृतीया के दिन किया गया दान-पुण्य और खरीदी गई वस्तु का कभी क्षय नहीं होता है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार अगर महिलाएं अक्षय तृतीया पर वस्त्र, श्रृंगार का सामान या आभूषण आदि मां लक्ष्मी पर अर्पण करने के बाद पहनती हैं तो उन्हें माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। वैसे तो इस दिन विवाह आदि कोई भी शुभ कार्य बिना किसी मुहूर्त के भी किया जा सकता है। लेकिन इसके बाद भी इस दिन शुभ मुहूर्त में अगर ये काम किए जाएं तो अत्यंत ही लाभकारी सिद्ध होते हैं।
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अक्षय तृतीया (28 या 29 अप्रैल) :-
सूर्य, चंद्र और बुधादित्य योग में आ रही अक्षय तृतीया दो दिन तक रहेगी। ज्योतिषियों के अनुसार, 28 अप्रैल सुबह 10.28 बजे से अक्षय तृतीया शुरू होगी जो 29 अप्रैल सुबह 6.55 बजे तक रहेगी। ज्योतिष गणना के अनुसार 28 अप्रैल की तृतीय सूर्य, चंद्र और शुक्र ग्रह के उच्च योग के साथ आएगी। साथ ही सूर्य-बुध का बुधादित्य योग रहेगा। 29 अप्रैल को शोभन योग, सर्वार्थसिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग बनेंगे। दो दिन की अक्षय तृतीया में अबूझ मुहूर्त में मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं।
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आइए जानते हैं अक्षय तृतीया के शुभ मुहूर्त के बारे में .....
खरीदारी के लिए श्रेष्ठ मुहूर्तः दोपहर 01:40 से शाम 3:34 तक।
लक्ष्मी पूजन हेतु श्रेष्ठ मुहूर्तः शाम 7:59 से रात 10:15 तक।
तांत्रिक पूजन हेतु श्रेष्ठ मुहूर्तः मध्य रात्रि 12:20 से रात 2:07 तक।
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