शराब पीने से महिलाओं को भी बाद में पुरुषों की तरह स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। एक नए अध्ययन में यह पता चला है। अध्ययन के अनुसार, महिलाएं पुरुषों की तरह शराब की खपत कर रही हैं और इसका असर उनके स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। निष्कर्षों से पता चलता है कि यह प्रवृत्ति 'यौन अभिसरण' है, यह युवा व वयस्कों में साफ दिखाई देती है।
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ऐतिहासिक रूप से, पुरुष महिलाओं की तुलना में ज्यादा शराब पीते और पचाते हैं। इसकी ज्यादा मात्रा स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाती है। कुछ आंकड़ों में लिंगों के बीच 12 गुना अंतर के साथ स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचने की बात सामने आई है।
समय के साथ इस प्रवृत्ति में परिवर्तन होने से, शोधकर्ताओं ने 68 प्रासंगिक अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन से आंकड़ों का संग्रह किया। सभी अध्ययन में स्पष्ट तौर पर क्षेत्रीय या राष्ट्रीय तौर पर महिलाओं और पुरुषों के कम से कम दो बार शराब पीने के को शामिल किया गया।
न्यू साउथ वेल्स विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने अध्ययन के लिए प्रतिभागियों के चयन के लिए कुछ मानदंडों का पालन किया। इसमें जीवनभर या वर्तमान में शराब का दुरुपयोग या निर्भरता, शराब से जुड़ी समस्याएं, शराब के मुद्दों का उपचार और इसके उपयोग की समय सीमा और इससे जुड़ी समस्याओं के विकास को शामिल किया गया।
यह अध्ययन पत्रिका 'जर्नल बीएमजे' में प्रकाशित हुआ है।अध्ययन में पाया गया कि जिन पुरुषों का जन्म 1891 से 1910 के बीच हुआ है, उनमें अपने महिला साथियों की तुलना में शराब पीने की संभावना दो (2.2) बार थी, लेकिन यह संख्या साल 1991 से 2000 के बीच जन्मे लोगों में यह समानता (1.1) पर पहुंच गई है।
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इसमें कहा गया है कि 1981 के बाद जन्मी महिलाएं अपने पुरुष साथियों के मुकाबले ज्यादा शराब पी रही हैं।शोधकर्ताओं ने कहा कि लेकिन 42 अध्ययनों में सेक्स अभिसरण के साक्ष्य सामने आए हैं। इससे महिलाओं में ज्यादा शराब के इस्तेमाल का संकेत मिलता है। इसमें पांच प्रतिशत सेक्स अनुपात एक से भी कम है।