इंदौर। एड्स विशेषज्ञ डॉ.रचना दुबे ने कहा कि एचआईव्ही (हयूमन इम्यूनो डेफीशिएन्सी वायरस) एक वायरस है और इससे सभी को सतर्क रहने की जरूरत है। जिला एड्स नियंत्रण एवं रोकथाम समिति के तत्वावधान में क्षेत्रीय स्वास्थ्य प्रशिक्षण केन्द्र एमवाय परिसर में एड्स के संबंध में कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें समाजसेवी, एड्स विशेषज्ञ, स्वयंसेवी संगठन और शासकीय अधिकारियों ने भाग लिया।
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इस अवसर पर एड्स विशेषज्ञ डॉ.रचना दुबे ने बताया कि एचआईव्ही एक वायरस है। एचआईव्ही ग्रसित रोगियों की कार्य क्षमता धीरे-धीरे घटने लगती है। एड्स (एक्वायर्ड एम्युन डिफिसिएंसी भसण्ड्रोम) एक संक्रामक बीमारी है।
डॉ.दुबे ने बताया कि असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित सुई का पुन: उपयोग, संक्रामित रक्त चढ़ाने और एचआईव्ही संक्रमित माँ से उसके होने वाले शिशु को एड्स होता है।
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उन्होंने बताया कि साथ-साथ खाना खाने, हाथ मिलाने, गले मिलने, खाने के बर्तन, कपड़े, बिस्तर, शौचालय, स्वीमिंग पुल आदि के सामूहिक उपयोग से खांसने, छीकने या हवा से, मच्छरों को काटने या घरों में पाये जाने वाले कीड़े-मकोड़ों के काटने से एड्स नहीं फैलता है।
उन्होंने बताया कि अपने साथी के साथ वफादारी रखने, यौन संबंध के दौरान सही और हर बार कण्डोम का इस्तेमाल करने, केवल लायसेंस प्राप्त ब्लड बैंक से जांच किये गये खून का इस्तेमाल करने, हर बार नयी या उबली हुई सुई का इस्तेमाल करने, गर्भावस्था के दौरान एचआईव्ही की जांच और उपयुक्त इलाज करवाने से एड्स को रोका जा सकता है।- वार्ता
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