मां के दूध में बच्चे के लिए जरूरी सभी पोषक तत्व मौजूद होते हैं और जन्म लेने के बाद छ: महीने तक नवजात के लिए यह संपूर्ण आहार होता है। एक नए शोध में दावा किया गया है कि समय पूर्व पैदा हुए बच्चों को जन्म के पहले महीने स्तनपान करवाया जाने पर भविष्य में उनका बौद्धिक स्तर :आइक्यू: काफी अच्छा रहने की संभावना होती है।
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बच्चे का पहला आहार होता है मां का दूध। मां के दूध से ही बच्चे का स्वास्थ्य और बौद्धिक क्षमता निर्धारित होती है। अगर नवजात को मां ने अधिक दूध पिलाया है तो उसका आईक्यू स्तर अन्य बच्चों की तुलना में ज्यादा होगा। बोस्टन चिल्ड्रेन्स हॉस्पीटल में हुए एक अध्ययन में यह बात सामने आई है।
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शिशु के शरीर की सारी जरूरतें इससे पूरी हो जाती हैं। जिन शिशुओं को मां का दूध दिया जाता है वे अन्य शिशुओं के मुकाबले कम बीमार पड़ते हैं और उनका दिमाग तेज होता है।शोधकर्ताओं के मुताबिक जन्म लेने से पहले वर्ष के दौरान स्तनपान करने वाले बच्चों का आईक्यू सात वर्ष तक अपने हम उम्र बच्चों के मुकाबले काफी तेज हो जाता है। स्तनपान करने वाले बच्चों की भाषा पर पकड़ भी अच्छी होती है। वे किसी भी भाषा को आसानी से बोलना और समझना सीख लेते हैं। ऐसे बच्चे आगे चलकर भी भाषा संबंधी गलतियां कम करते हैं। बचपन में ही नहीं, वयस्क होने पर भी उन्हें इसका फायदा मिलता है।