कानपुर। 12 साल पहले अपने ही मंगेतर से एसिड हमले की शिकार हुई शबीना की अंधेरी ज़िन्दगी में एक बार फिर उजाला हो गया है। उसकी बुझी हुई ज़िन्दगी को रोशन करने के लिए उसे पति शमशाद का साथ मिल गया है। कानपुर निवासी शबीना के मंगेतर ने ही तेजाब फेंक कर उसका चेहरा झुलसा दिया था। इस हादसे के बाद वह पूरी तरह से टूट चुकी थी। घरवालों ने उसकी शादी की उम्मीद छोड़ दी, लेकिन उसी के मोहल्ले के रहने वाले शमशाद में उससे शादी कर उसका हमेशा के लिए हाथ थाम लिया है।
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शहर के ढकनापुरवा इलाके में रहने वाले मो. शमसाद ने शबीना से शादी कर समाज के सामने एक मिसाल कायम की है। शबीना का हमसफर बनने के लिए पड़ोसी शमशाद ने जब शादी का प्रस्ताव रखा तो पिता की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। गुरुवार को एक एनजीओ की सहायता से दोनों ने मुस्लिम रीति रिवाजों से मस्जिद में निकाह किया।
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शमशाद से निकाह करने के बाद शबीना ने अल्लाह का शुक्रिया अदा करते हुए कहा, उस हादसे के बाद उसने शादी की उम्मीद छोड़ दी थी। लेकिन आज वो बहुत खुश है। शबीना ने कहा , "मुझे पता था कि अगर उसने जख्म दिया है तो मरहम भी वह देगा। लेकिन इतने साल लग जायेंगे यह नहीं पता था। खैर जो भी हुआ, उसमें अल्लाह की रजामंदी थी। उसने मुझे जो हमसफर दिया है, उसका शुक्रिया अदा कर अपने आने वाले दिनों की दुआ मांगती हूं। "
शमशाद ने बताया, पहली पत्नी के छोड़कर जाने के बाद दूसरी शादी करने का विचार नहीं था, लेकिन बच्चों के प्रति शबीना का लगाव देख यह फैसला लिया।
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