ऑर्गेनिक खाद्य पदार्थ की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए कई घरों में ऑर्गेनिक उत्पादन लाया जाने लगा है ताकि घर के लोगों का स्वास्थ्य सही रहे और वह चुस्त दुरुस्त रहें। आर्गेनिक खाद्य पदार्थ में कोई भी कृत्रिम एडिटिव नहीं होता और यह स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर उगाया जाता है।
अगर आप ऑर्गेनिक खाद्य पदार्थ को अपनाना चाहते हैं तो इसके बारे में विस्तार से जान्ने की जरूरत है ताकि आप सही चुनाव कर सकें। ऑर्गेनिक खाद्य पदार्थ में कृत्रिम फर्टिलाइजर, पेस्टिसाइड, जेनेटिकली मॉडिफाइड ओर्गानिस्म, सीवर स्लज या रेडिएशन का इस्तमाल नहीं होता। जानवर या मवेशी जो हमें मीट, अंडे, दूध देते हैं, उन्हें एंटीबायोटिक या ग्रोथ हॉर्मोन नहीं दिया जाता है।
इसलिए ऑर्गेनिक खाद्य पदार्थ को इको फ्रेंडली तरीके से उपजाया या बनाया जाता है। पेड़ पौधों को बड़ा करने के लिए विषैले पदार्थ या खतरनाक केमिकल नहीं डाले जाते। अनुवांशिक रूप से परिवर्तित जीवों को जानवरों को नहीं खिलाया जाता है। उन्हें आर्गेनिक खाना दिया जाता है। इस तरह की उपज से ऑर्गेनिक खाद्य पदार्थ दूसरे पारंपरिक खाने से काफी सुरक्षित और केमिकल फ्री होते हैं और इससे आपका परिवार सुरक्षित रहता है।
ऑर्गेनिक खाद्य पदार्थ इसके उपजाने के तरीके और प्रोसेसिंग तकनीक की वजह से खाने के लिए सुरक्षित जरूर होता है पर इसके पदार्थ बिल्कुल पारंपरिक खाने जैसे होते हैं। इसलिए, अगर खाना खाने से किसी तरह की एलर्जी होती है तो खाने में जो पदार्थ मौजूद हैं उनके कारण और कृत्रिम केमिकल के कारण नहीं क्योंकि ऑर्गेनिक खाद्य पदार्थ में कृत्रिम केमिकल नहीं होते। अगर आपको सुपारी से एलर्जी है तो आप ऑर्गेनिक सुपारी लें।
इसके कड़े उपजाने के तरीके, लेबर, उपज में ज्यादा समय लगना, फसल कटाई के बाद की प्रक्रिया और आधिकारिक मान्यता में लगने वाली फी की वजह से ऑर्गेनिक खाद्य पदार्थ थोड़े महंगे हो सकते हैं; हालांकि ऐसे ऑर्गेनिक खाद्य पदार्थ भी हैं जो खरीदने लायक होते हैं और कई बार पारम्परिक खाने से कम खर्चीले होते हैं।
फिर भी अगर सारे सकारात्मक और नकारात्मक पहलु को देखा जाए तो ऑर्गेनिक खाद्य पदार्थ को पारम्परिक खाने से ज्यादा तवज्जो मिलती है क्योंकि यह प्राकृतिक तरीके से उपजाए जाते हैं और यह हमेशा हमारे स्वास्थ्य के लिए ज्यादा लाभदायक रहेंगे।