नई दिल्ली। भारतीय वाहन कलपुर्जा (स्पेयर पार्ट्स) का आकार वित्त वर्ष 2019-20 तक 75,705 करोड़ रुपये (करीब 13 अरब डॉलर) होने का अनुमान है। भारतीय वाहन कलपुर्जा विनिर्माता संघ (एसीएमए) के एक अध्ययन के अनुसार यह 10.5 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है।
एसीएमए इस उद्योग जगत का शीर्ष संगठन है। उसके अनुसार वित्त वर्ष 2016-17 में इस उद्योग का आकार 56,098 करोड़ रुपये (करीब 8.4 अरब डॉलर) का है।
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अध्ययन के अनुसार इसमें दुपहिया और तिपहिया वाहन श्रेणी के कलपुर्जों की हिस्सेदारी 12,038 करोड़ रुपये, यात्री कारों की 18,970 करोड़ रुपये, वाणिज्यिक वाहनों की 19,748 करोड़ रुपये और ट्रैक्टरों की 5,342 करोड़ रुपये है।
संघ के महानिदेशक विनी मेहता ने कहा, ‘‘इस क्षेत्र के वृद्धि आकलन ऑटोमोटिव मिशन प्लान्स-2026 के अनुरूप हैं। यह भारत की ना सिर्फ मूल कलपुर्जा (कंपनी से लग कर आने वाले कलपुर्जे) विनिर्माताओं बल्कि स्पेयर पार्ट्स के विनिर्माताओं की बड़ी क्षमताओं को दिखाता है।’’
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मेहता ने कहा कि 2019-20 तक इसके 75,705 करोड़ रुपये के आंकड़े को छूने की संभावना है जो 10.5 प्रतिशत की साल दर साल वृद्धि दिखाता है। ऑटोमोटिव मिशन प्लान्स-2026 में भारत के स्पेयर पार्ट्स बाजार का आकार 1.79 लाख से दो लाख करोड़ रपये तक होने का अनुमान जताया गया है।
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