नई दिल्ली। नोटबंदी के मद्देनजर डिजिटल भुगतान और कैशलैस अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के मद्देनजर देश में मोबाइल फोन बनाने वाली कंपनियों ने सरकार से आम लोगों को सस्ते दरों पर मोबाइल फोन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से वर्ष 2017-18 के आम बजट में कर में छूट दिये जाने की मांग की है।
फीचर फोन बनाने वाली देश की प्रमुख कंपनी जीवी मोबाइल्स ने यह मांग करते हुये कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने इसी तरह की पहल की है और इसे केन्द्र सरकार को अपनाना चाहिए। कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पंकज आनंद ने कहा कि नोटबंदी से देश में कैशलेस अर्थव्यवस्था का मार्ग प्रशस्त हुआ है और हर व्यक्ति के लिए मोबाइल बैंकिंग बहुत महत्वपूर्ण हो गया है जिससे उपभोक्ता आधार बढेगा।
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उन्होंने कहा कि अभी भी ग्रामीण क्षेत्रों में सस्ते स्मार्टफोन फोन की मांग अधिक है। ग्रामीण आबादी और कम आय वर्ग को मदद करने के उद्देश्य से सरकार को 5000 रुपये तक के फीचर और स्मार्टफोन पर कर में छूट देनी चाहिए। छत्तीसगढ़ सरकार ने इस तरह की पहल की है।
सस्ते स्मार्टफोन एवं टैबलेट बनाने वाली कंपनी डाटाभवड के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनीत भसह तुली ने कहा कि सरकार डिजिटल इंडिया पर शिक्षा पर काफी ध्यान दे रही है और इन दोनों क्षेत्रों में व्यय में भी बढोतरी हो रही है। इसके मद्देनजर आम लोगों को इंटरनेट के बेहतर उपयोग वाले सस्ते स्मार्टफोन के निर्माण को बढ़ावा देना चाहिए।
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हुवावेई इंडिया के विपणन एवं एकीकृत सोल्यूशंस के निदेशक चंदन कुमार ने कहा कि आज भारत दुनिया की नजरों में है और डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया, स्मार्ट सिटी और स्किल इंडिया जैसे कार्यक्रमों ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा है। देशी और विदेशी निवेशकों का विश्वास भी बढा है।
उन्होंने कहा कि देश में डिजिटल ईको सिस्टम को गति देने के उद्देश्य से सरकार को आईसीटी पर व्यय में बढोतारी करनी चाहिए। सरकार को एक निर्धारित राशि डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए रखना चाहिए जिससे देश के आर्थिक विकास को गति मिलेगा और डिजिटल अंतर को पाटने में भी मदद मिलेगी।-एजेंसी
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