एक जगह ऐसी है जहां आज भी हनुमानजी हर 41 साल बाद यहां के लोगों से मिलने के लिए आते हैं। हनु पुस्तिका में लिखी गई जानकारियों और अध्ययनकर्ताओं के अनुसार मातंगों का हनुमानजी के साथ विचित्र संबंध हैं, मातंगों अनुसार हनुमानजी ने उनको वचन दिया था कि "मैं प्रत्येक 41 वर्ष में तुमसे मिलने आऊंगा और आत्मज्ञान दूंगा।" अपने वचन के अनुसार, हर 41 साल बाद हनुमानजी उन्हें आत्मज्ञान देकर आत्म शुद्धि करने के लिए आते हैं।
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जब हनुमानजी उनके पास 41 साल बाद रहने आते हैं, तो उनके द्वारा उस प्रवास के दौरान किए गए हर कार्य और उनके द्वारा बोले गए प्रत्येक शब्द का एक-एक मिनट का विवरण इन आदिवासियों के मुखिया बाबा मातंग अपनी ‘हनु पुस्तिका’ में नोट करते हैं। 2014 के प्रवास के दौरान हनुमानजी द्वारा जंगल वासियों के साथ की गई सभी लीलाओं का विवरण भी इसी पुस्तिका में नोट किया गया है।
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आपको बता दें कि जंगलों में एक ऐसा कबीलाई समूह है जो पूर्णतः बाहरी समाज से कटा हुआ है। उनका रहन-सहन और पहनावा भी अलग है। उनकी भाषा भी प्रचलित भाषा से अलग है। इस संगठन का उद्देश्य मानव जाति को फिर से हनुमानजी से जोड़ना है। यहां के लोगों के अनुसार, 27 मई 2014 हनुमानजी ने इस आदिवासी समूह के साथ अंतिम दिन बिताया था और अब हनुमान जी 2055 में फिर से इनसे मिलने के लिए आएंगे।
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