अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहा जाता है और पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं। आज विनायक चतुर्थी व्रत है, इस दिन अगर पूरे विधि-विधान से भगवान गणेश की पूजा की जाए तो जीवन की सभी मुश्किलें आसान हो जाती हैं। यह तिथि भगवान गणेश की सबसे प्रिय तिथि है। इस दिन भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए ऐसे करें पूजा....
रोज इन कामों को करने से दूर होता है वास्तुदोष
सबसे पहले मिट्टी या बालू से भगवान गणेश की प्रतिमा बनाएं, अगर आप चाहें तो सोने-चांदी से बने गणपति के सिक्के भी खरीद सकते हैं।
गणपति को घर लाकर आसन पर विराजित करें।
अक्षत और फूल लेकर गणपति से अपनी मनोकामना कहें, उसके बाद ओम ‘गं गणपतये नमः’ मंत्र बोलते हुए गणेश जी को प्रणाम करें।
भगवान गणेश के मस्तक पर सिंदूर अर्पण करें।
क्या देखा है आपने नर्क का दरवाजा
इक्कीस दूर्वा लेकर गणेश जी को गंध, अक्षत, पुष्प, धूप, दीप व नैवेद्य चढ़ाएं।
भगवान गणेश को मोदक का भोग लगाएं और उन्हें 21 दूर्वा दल समर्पित करें।
पूजा के बाद भोग लगे मोदकों को सभी को प्रसाद के रूप में बांट दें।
(ये सभी जानकारियां शास्त्रों और ग्रंथों में वर्णित हैं, लेकिन इन्हें अपनाने से पहले किसी विशेष पंडित या ज्योतिषी की सलाह अवश्य ले लें।)
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