इस साल वट सावित्री व्रत यानि वर अमावस्या और शनि जयंती एक साथ पड़ने से इस दिन विशेष संयोग बन रहे हैं। इसी के साथ ही इस दिन से नवतपा की शुरुआत हो रही है। ये तीन संयोग एक साथ बन रहे हैं, ऐसा संयोग काफी सालों बाद देखने को मिल रहा है।
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ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की अमावस्या यानि 25 मई को ये संयोग देखने को मिलेगा। महिलाओं के साथ ही शनि भक्तों के लिए ये दिन बहुत खास है। जहां महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए वट सावित्री व्रत कर वट वृक्ष की पूजा और 108 परिक्रमा करेंगी वहीं शनि भक्त इस दिन शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए विशेष पूजा-अर्चना करेंगे।
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इसके साथ ही 25 मई से सूर्य देव अपना उग्र रूप दिखाना शुरू करेंगे और नवतपा में 25 मई से लेकर 2 जून (नौ दिन) तक लोगों को भीषण गर्मी के रूप में सूर्य का प्रचंड रूप सहना होगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस तरह का संयोग बहुत कम होता है, जब ये तीनों पर्व एक ही दिन पड़ते हैं।
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