आज अक्षय तृतीया है, अक्षय का मतलब होता है जिसका कभी क्षय ना हो यानी जो कभी नष्ट ना हो। भविष्य पुराण के अनुसार अक्षय तृतीया तिथि का विशेष महत्व है, सतयुग और त्रेता युग का प्रारंभ इसी तिथि से हुआ है, इस दिन बिना पंचांग देखे भी शुभ कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश किया जा सकता है। आइए आपको बताते हैं अक्षय तृतीया से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियों के बारे में.....
आज ही के दिन माँ गंगा का अवतरण धरती पर हुआ था ।
अक्षय तृतीया का शुभ मुहूर्त
महर्षि परशुराम का जन्म आज ही के दिन हुआ था ।
माँ अन्नपूर्णा का जन्म भी आज ही के दिन हुआ था
द्रोपदी को चीरहरण से कृष्ण ने आज ही के दिन बचाया था ।
कृष्ण और सुदामा का मिलन आज ही के दिन हुआ था ।
कुबेर को आज ही के दिन खजाना मिला था ।
सतयुग और त्रेता युग का प्रारम्भ आज ही के दिन हुआ था ।
ब्रह्मा जी के पुत्र अक्षय कुमार का अवतरण भी आज ही के दिन हुआ था ।
अक्षय तृतीया की कथा
प्रसिद्ध तीर्थ स्थल श्री बद्री नारायण जी का कपाट आज ही के दिन खोला जाता है ।
वृंदावन के बाँके बिहारी मंदिर में साल में केवल आज ही के दिन श्री विग्रह चरण के दर्शन होते हैं अन्यथा साल भर वो वस्त्र से ढके रहते हैं ।
इसी दिन महाभारत का युद्ध समाप्त हुआ था ।
अक्षय तृतीया अपने आप में स्वयं सिद्ध मुहूर्त है, आज के दिन किसी भी शुभ कार्य का प्रारम्भ किया जा सकता है।
(Source-SocialMedia)
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