महिलाओं के बाल उनकी सुंदरता में चार चांद लगा देते हैं, पहले महिलाएं अपने बाल बांधकर रखती थीं और अब बालों को खोलकर रखने का चलन बढ़ता जा रहा है। समय कितन भी क्यों न बदल गया हो लेकिन आज भी अगर कोई शुभ कार्य किया जाता है तो महिलाएं अपने बालों को बांधकर रखती हैं। आखिर बालों को क्यों खुला नहीं रखा जाता, ऐसा क्यों किया जाता है आई आपको बताते हैं इसके बारे में....
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आपको बता दें कि हिंदू शास्त्रों में बालों को खुला रखना सही नहीं माना जाता है। खुले बालों को शोक की निशानी माना जाता था इसीलिए प्राचीन काल में महिलाएं किसी खास अवसर पर ही अपने बाल खोलती थीं।
ये माना जाता है कि जो महिलाएं खुले बाल रखती हैं उन पर नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव जल्दी पड़ता है और ऊपरी बाधाएं आसानी से उनके दिमाग में अपना बसेरा बना लेती हैं।
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रात को सोते समय भी बाल खोलकर नहीं सोना चाहिए क्योंकि पुराणों के अनुसार इससे व्यक्तित्व पर द्वेषपूर्ण प्रभाव पड़ता है। खासतौर पर जब चन्द्रमा की कलाएं घटती हैं, उस दौरान मन अत्यधिक भावुक होता है और इस समय प्रेतआत्माएं बहुत ही आसानी से महिलाओं को अपने वस में कर लेती हैं।
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