मुंबई। बॉलीवुड में सतीश कौशिक को बहुमुखी प्रतिभा का धनी माना जाता है जिन्होंने न सिर्फ निर्माण और निर्देशन बल्कि हास्य अभिनय और लेखन में भी अपनी प्रतिभा का परिचय दिया है। उनके जन्मदिवस के मौके पर एक नजर ़डालते है उनके जीवन पर।
सतीश कौशिक का जन्म 13 अप्रैल 1956 को हुआ था। बचपन से ही उनकी ख्वाहिश अभिनेता बनने की थी। उन्होंने अपनी स्नातक की पढ़ाई दिल्ली के प्रसिद्ध किरोड़ीमल कॉलेज से पूरी की और इसके बाद नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में दाखिला ले लिया। वर्ष 1978 में अभिनय की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह पुणे फिल्म इंस्टीट्यूट में दाखिल हो गए।
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उन्होंने अस्सी के दशक में अभिनेता बनने के सपने के साथ मुंबई में कदम रखा। अभिनेता के रूप में उन्हें 1983 में प्रदर्शित फिल्म 'मासूम' में काम करने का मौका मिला। वर्ष 1987 में प्रदर्शित फिल्म 'मिस्टर इंडिया' सतीश कौशिक के सिने करियर की महत्वपूर्ण फिल्म साबित हुई। इस फिल्म में उन्होंने 'कैलेन्डर' नामक एक बावर्ची का किरदार निभाया और दर्शकों को हंसाते हंसाते लोटपोट कर दिया।
वर्ष 1989 में प्रदर्शित फिल्म 'राम लखन' सतीश कौशिक की महत्वपूर्ण फिल्म में शुमार की जाती है। इस फिल्म में उन्होंने अपने दमदार अभिनय से दर्शकों का दिल जीत लिया और अनुपम खेर के साथ सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता के 'फिल्म फेयर पुरस्कार' से सम्मानित भी किए गए। दिलचस्प बात है कि यह फिल्म इंडस्ट्री के इतिहास का पहला मौका था जब एक ही श्रेणी के लिए दो अभिनेताओं को फिल्म फेयर का पुरस्कार दिया गया।
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वर्ष 1993 में बोनी कपूर निर्मित फिल्म 'रूप की रानी चोरों का राजा' के जरिए सतीश कौशिक ने फिल्म निर्देशन के क्षेत्र में भी कदम रख दिया। अनिल कपूर-श्रीदेवी और जैकी श्राफ जैसे नामचीन सितारों की मौजूदगी के बावजूद कमजोर पटकथा के कारण फिल्म टिकट खिडक़ी पर अपेक्षित कामयाबी अर्जित नहीं कर सकी।
वर्ष 1995 में निर्देशक के रूप में सतीश कौशिक की एक और फिल्म 'प्रेम' प्रदर्शित हुई। संजय कपूर और तब्बू अभिनीत इस फिल्म के निर्माण में लगभग सात वर्ष लग गये, जिसके कारण फिल्म अपना प्रभाव नहीं दिखा सकी और टिकट खिडक़ी पर बुरी तरह नकार दी गयी।
सतीश कौशिक के करियर का सितारा 1999 में प्रदर्शित फिल्म 'हम आपके दिल में रहते है' से चमका। पारिवारिक पृष्ठभूमि पर बनी अनिल कपूर और काजोल अभिनीत इस फिल्म की कहानी एक ऐसे अमीर उद्योगपति पर आधारित थी जो एक वर्ष के एग्रीमेंट पर अपनी सेक्रेटरी से शादी करता है। दर्शकों ने नए विषय पर बनी इस फिल्म को काफी पसंद किया। इस फिल्म की सफलता के बाद सतीश कौशिक निर्देशक के रूप में अपनी पहचान बनाने में कामयाब रहे।
वर्ष 2000 में बोनी कपूर के बैनर तले बनी फिल्म ''हमारा दिल आपके पास है' निर्देशक के रूप में उनकी महत्वपूर्ण फिल्म में शुमार की जाती है। इस फिल्म में उन्हें एक बार फिर से अपने प्रिय अभिनेता अनिल कपूर के साथ काम करने का अवसर मिला। पारिवारिक पृष्ठभूमि पर बनी इस फिल्म में अनिल कपूर के साथ ऐश्वर्या राय की जोड़ी को दर्शकों ने काफी पसंद किया और फिल्म टिकट खिडक़ी पर सुपरहिट साबित हुई।
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वर्ष 2001 में बासु भगनानी के बैनर तले बनी फिल्म 'मुझे कुछ कहना है' बतौर निर्देशक के रूप में सतीश कौशिक की सुपरहिट फिल्मों में शुमार की जाती है। युवा प्रेम कथा पर आधारित यह फिल्म अभिनेता जितेन्द्र के पुत्र तुषार कपूर की पहली फिल्म थी। फिल्म में तुषार कपूर और करीना कपूर की जोड़ी को दर्शकों ने काफी सराहा।
वर्ष 2003 में प्रदर्शित फिल्म ‘तेरे नाम’ के रूप में निर्देशक सतीश कौशिक की सर्वाधिक सुपरहिट फिल्मों में शुमार की जाती है। इस फिल्म के जरिये उन्होंने अभिनेता सलमान खान को नये अंदाज में पेश किया और उनसे संजीदा अभिनय कराकर दर्शकों को रोमांचित कर दिया।
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सतीश कौशिक ने दर्शकों की पसंद को देखते हुये छोटे पर्दे का भी रूख किया और फिलिप्स टॉप टेन में बतौर होस्ट काम करके दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। वर्ष 2007 में अपने मित्र अनुपम खेर के साथ मिलकर उन्होंने करोलबाग प्रोडक्शन कंपनी की स्थापना की जिसके बैनर तले तेरे संग का निर्माण किया ।
सतीश कौशिक दो बार फिल्म फेयर पुरस्कार से नवाजे जा चुके है। उन्होंने दो दशक के अपने सिने करियर में लगभग 100 फिल्मों में अभिनय किया है।