वो कहते है न, कोशिश करने वालो की कभी हार नहीं होती, मेहनत का फल मीठा होता है। आप चाहे जितने भी अभाव में हो आपकी मेहनत आपका साथ कभी नहीं छोड़ता। आपके परिश्रम का फल आपको ज़रूर मिलता है। ऐसे ही एक मिसाल बन कर उभरे है, भिवंडी के टैलेंटेड और इंटेलीजेंट पियूष लोहिया। पियूष के पिता की भिवंडी में छोटी सी दूकान है जिससे इनके पुरे परिवार का भरण-पोषण होता है। लेकिन आज वही छोटी सी दुकान आज सबकी नज़र में आ चुकी है। सीए में टॉप पीयूष अपने सफलता के पीछे अपने माता-पिता और अपने दोस्तों को श्रेय देते है।
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भिवंडी के एक मध्यवर्गीय परिवार में पले पीयूष लोहिया को सीए बनने की ललक ने रोजाना 10 से 12 घंटे की नियमित और कड़ी मेहनत के लिए प्रेरित किया और वह देश के 36,768 परीक्षार्थियों में दूसरा स्थान लाने में सफल रहा। सीए की परीक्षा कितनी कठिन होती है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इस परीक्षा में सम्मिलित 36,768 छात्रों में सिर्फ 4,256 ही सफल हुए। यानी सिर्फ 11.57 प्रतिशत ही सफल हो सके।
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पियूष लोहिया ने अपनी बीकॉम मुलुंड कॉलेज से पूरी की , उसके बाद मुम्बई चले गए। वह उन्होंने चाटर्ड एकाउंटिंग की तैयारी की। पीयूष ने बताया कि नियमित 10-12 घंटे की पढ़ाई के बाद ऑफिस में आर्टिकलसिप के दौरान भी समय मिलने पर वह दो-तीन घंटे पढ़ लेता था। पीयूष ने बताया कि उसके माता-पिता के अलावा कॉलेज के प्रफेसरों एवं उसके ऑफिस के सीनियर साथियों का उसे हमेशा सहयोग मिलता रहा।
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