दिल्ली के सरकारी स्कूलों ने 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' अभियान को लेकर एक अनूठी पहल की है। ताकि छोटे छोटे बच्चे इस भावना से अछूते ना रहे। इसीलिए खुद दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने आज गोवर्नमेंट बॉयज सीनियर सेकेंडरी स्कूल ,आजादपुर से की।
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बेटी बचाओ अभियान को लेकर मनीष सिसोदिया ने बच्चों को इस पर लेख भी लिखने को दी , की बेटियों को लेकर पहले की पीढ़ी और आज की पीढ़ी की सोच में क्या फर्क है और ये भी की पहले के मुकाबले इसको किन परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सुधर क्या क्या हुए है और क्या क्या अपेक्षाएं है। इन विषय पर सभी बच्चों के अलग अलग हैरानी भरे जवाब थे। उनके मुताबिक बेटियों को हर 'सोच' से बचाओ जैसे न पढ़ाने की सोच, नौकरी न कराने की सोच, पराये घर में भेजने की सोच और उन्हें शारीरिक रुप से कमजोर समझने की सोच।
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दंगल फिल्म का जिक्र करते हुए मनीष ने कहा , की हमारे समाज में बेटियों को लेकर सबसे बड़ी दिक्कत है की, कुछ काम केवल बेटे ही कर सकते है। इससे सोच से सबसे पहले मुक्ति पानी होगी और ये केवल नारों तक ही न सिमट जाए, इसके लिए पहल जरूरी है।
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