नई दिल्ली। सरकार लिथियम-ऑयन बैटरियों का विनिर्माण भारत में ही करने के लिए विनिर्माताओं को प्रोत्साहन देने की योजना बना रही है। इस कदम से देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के दाम घट सकेंगे और चीन की कार कंपनियां भारतीय बाजार में प्रवेश को लेकर हतोत्साहित होंगी।
केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री अनंत गीते ने कम लागत की लिथियम ऑयन बैटरियों का भारत में विकास करने की योजना का खुलासा करते हुए कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो द्वारा विकसित बैटरी को नए सिरे से बनाने का प्रयास किया जा रहा है जिससे इनका इस्तेमाल इलेक्ट्रिक वाहनों में किया जा सके।
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गीते ने कहा, ‘‘ हम भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लि. भेल के साथ विनिर्माण इकाई लगाने का प्रयास कर रहे हैं। इस पर 100 करोड़ रुपये का निवेश होगा। मारति भी लिथियम बैटरियों के विनिर्माण के लिए दो लाख करोड़ रुपये का निवेश करना चाहती है।’’
उन्होंने कहा कि सरकार ऐसी घरेलू कार कंपनियों को भी प्रोत्साहन देने पर विचार कर रही है, जो देश में लिथियम ऑयन बैटरियों के विनिर्माण के लिए सुविधाएं स्थापित कर रहे हैं।
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सरकार आक्रामक तरीके से देश में फेम इंडिया जैसी योजनाओं के जरिये इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री और उत्पादन को बढ़ाने का प्रयास कर रही है। चीन के वाहन विनिर्माताओं मसलन बीवाईडी और एसएआईसी की निगाह इस पर है, जो इलेक्ट्रिक प्रौद्योगिकी में भारी निवेश कर रहे हैं।
गीते ने कहा, ‘‘आज सिर्फ एक देश चीन लिथियम बैटरियों का विनिर्माण करता है। भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल बढऩे से चीन की कंपनियों को फायदा होगा। लेकिन उनकी यह खुशी ज्यादा समय तक नहीं रहेगी। हम भारत में ही लिथियम आयन बैटरियां बनाने का प्रयास कर रहे हैं।’’ - एजेंसी
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