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स्पैनिश टेनिस स्टार राफेल नडाल ने पुष्टि की है कि वे इस वर्ष विंबलडन में नहीं खेलेंगे, जिससे यह अटकलें तेज हो गई हैं कि वे शायद कभी भी SW19 के कोर्ट पर फिर से न दिखें। अपने चमकदार करियर के अंत की ओर बढ़ते हुए, नडाल ने पहले संकेत दिया था कि वे 2024 के अंत में संन्यास ले सकते हैं।
राफेल नडाल, जिन्हें 'किंग ऑफ क्ले' के नाम से जाना जाता है, का फ्रेंच ओपन में अविश्वसनीय रिकॉर्ड है। हालांकि, उन्होंने दो बार विंबलडन का खिताब भी जीता है। विंबलडन जैसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंट को छोड़ने का उनका निर्णय सबके लिए चौंकाने वाला है।
38 वर्षीय नडाल पिछले कुछ वर्षों से चोटों से जूझ रहे हैं, लेकिन हाल ही में वे स्वस्थ और फिट दिखाई दिए हैं। बावजूद इसके, उन्होंने इस वर्ष विंबलडन में नहीं खेलने का फैसला किया है। दुनियाभर के प्रशंसक उनके खेल को एक बार फिर से देखने के लिए बेताब हैं, लेकिन विंबलडन में उन्हें यह मौका नहीं मिल पाएगा।
नडाल के विंबलडन न खेलने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। आइए जानते हैं उन संभावित कारणों के बारे में...
1. चोटों का प्रभाव:
नडाल की चोटों ने उनके करियर पर गहरा असर डाला है। पिछले कुछ वर्षों में वे बार-बार चोटिल होते रहे हैं, जिससे उनके खेल पर प्रभाव पड़ा है। हालांकि, वे अब स्वस्थ हैं, लेकिन चोटों का डर हमेशा बना रहता है। शायद इसी कारण से उन्होंने विंबलडन से दूरी बनाए रखने का निर्णय लिया हो।
2. करियर की प्राथमिकताएं:
नडाल का फ्रेंच ओपन में प्रदर्शन सबसे बेहतर रहा है, और वे वहां सबसे अधिक सफलता प्राप्त करते हैं। हो सकता है कि उन्होंने अपने करियर के अंतिम वर्षों में अपनी प्राथमिकताओं को बदल दिया हो और विंबलडन से अधिक महत्व अन्य टूर्नामेंट्स को दिया हो।
3. संन्यास की तैयारी:
नडाल ने पहले ही संकेत दिया था कि वे 2024 के अंत में संन्यास ले सकते हैं। हो सकता है कि वे अपने करियर के अंतिम वर्षों में अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दे रहे हों, ताकि वे अपने संन्यास के बाद भी स्वस्थ रह सकें।
4. परिवार और व्यक्तिगत जीवन:
नडाल का परिवार और व्यक्तिगत जीवन भी उनके निर्णय को प्रभावित कर सकता है। वे अपने करियर के इस मोड़ पर अपने परिवार के साथ अधिक समय बिताना चाह सकते हैं।
5. मानसिक और भावनात्मक थकान:
लगातार खेलते रहने और प्रतिस्पर्धा में बने रहने से मानसिक और भावनात्मक थकान भी हो सकती है। नडाल के लिए यह समय हो सकता है कि वे अपने मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को सुधारें और अपनी ऊर्जा को पुनः प्राप्त करें।
राफेल नडाल का विंबलडन में न खेलना उनके प्रशंसकों के लिए निराशाजनक है, लेकिन हमें उनके निर्णय का सम्मान करना चाहिए। उनके करियर की उपलब्धियों और योगदान को देखते हुए, यह स्पष्ट है कि उन्होंने टेनिस जगत में एक अमिट छाप छोड़ी है।
अब, टेनिस प्रशंसक उम्मीद करेंगे कि नडाल अपने अंतिम वर्षों में कुछ और यादगार प्रदर्शन दें और उन्हें एक शानदार विदाई मिल सके। उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा और उनके प्रशंसक उन्हें खेल के इतिहास में सबसे महान खिलाड़ियों में से एक के रूप में देखेंगे।
PC- EXPRESS
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