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टी20 वर्ल्ड कप 2024 के एक रोमांचक मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका ने बांग्लादेश को हराकर मैच जीत लिया, लेकिन इस मैच में एक बड़ा DRS (डिसीजन रिव्यू सिस्टम) विवाद हुआ जिसने बांग्लादेश की संभावित जीत को विवादित बना दिया।
यह घटना तब हुई जब बांग्लादेश को अंतिम ओवर में जीत के लिए सिर्फ 6 रनों की आवश्यकता थी और उनके हाथ में 3 विकेट बचे थे। बांग्लादेश के बल्लेबाज मुशफिकुर रहीम और महमुदुल्लाह क्रीज पर थे और दोनों ने टीम को जीत के करीब पहुंचा दिया था। लेकिन तभी एक विवादास्पद निर्णय ने मैच का रुख बदल दिया।
दक्षिण अफ्रीका के गेंदबाज कागिसो रबाडा की एक गेंद पर महमुदुल्लाह के खिलाफ एलबीडब्ल्यू (लेग बिफोर विकेट) की अपील की गई। मैदानी अंपायर ने इसे नॉट आउट करार दिया, लेकिन दक्षिण अफ्रीका ने डीआरएस का सहारा लिया। रिप्ले में स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा था कि गेंद बल्ले को छूकर पैड पर लगी थी, लेकिन अल्ट्रा-एज (स्निकोमीटर) तकनीक ने बल्ले और गेंद के संपर्क को नहीं दिखाया।
तीसरे अंपायर ने अल्ट्रा-एज की रिपोर्ट के आधार पर मैदानी अंपायर के निर्णय को पलटते हुए महमुदुल्लाह को आउट करार दिया। बांग्लादेश के खिलाड़ियों और दर्शकों में भारी नाराजगी देखी गई क्योंकि यह निर्णय बेहद विवादास्पद था। मैदान पर भी बांग्लादेशी कप्तान शाकिब अल हसन ने अंपायरों से बहस की, लेकिन निर्णय को वापस नहीं लिया गया।
इसके बाद बांग्लादेश की टीम दबाव में आ गई और अंतिम गेंदों पर अपने विकेट खो बैठी, जिससे दक्षिण अफ्रीका ने 3 रनों से मैच जीत लिया। इस हार से बांग्लादेश के सेमीफाइनल में पहुँचने की संभावनाओं को भी गहरा झटका लगा।
बांग्लादेशी टीम मैनेजमेंट ने मैच के बाद आईसीसी से इस निर्णय पर स्पष्टीकरण मांगा है और DRS सिस्टम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं। बांग्लादेशी कोच ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "यह निर्णय खेल की भावना के खिलाफ है और हमने साफ देखा कि गेंद बल्ले को छूकर पैड पर लगी थी। DRS का उपयोग खेल को निष्पक्ष बनाने के लिए किया जाता है, लेकिन यहां इसका उल्टा असर हुआ।"
दूसरी ओर, दक्षिण अफ्रीकी कप्तान ने इस विवाद को खेल का हिस्सा बताते हुए कहा कि ऐसी परिस्थितियाँ क्रिकेट में अक्सर आती रहती हैं और हमें अंपायरों के निर्णय का सम्मान करना चाहिए।
इस विवाद ने आईसीसी और क्रिकेट प्रेमियों के बीच बड़ी बहस को जन्म दे दिया है। DRS की विश्वसनीयता और तकनीकी खामियों को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। आने वाले दिनों में आईसीसी इस मामले की समीक्षा कर सकती है और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए तकनीकी सुधार पर विचार कर सकती है।
टी20 वर्ल्ड कप के इस रोमांचक मैच ने क्रिकेट प्रेमियों को मनोरंजन तो दिया, लेकिन साथ ही यह भी याद दिलाया कि तकनीक के बावजूद खेल में मानवीय गलतियों की गुंजाइश हमेशा बनी रहती है।