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रोजर फेडरर और राफेल नडाल की प्रतिद्वंद्विता टेनिस की दुनिया में सबसे प्रसिद्ध और प्रतिष्ठित मानी जाती है। लेकिन फेडरर ने हाल ही में एक साक्षात्कार में खुलासा किया कि शुरुआत में वह नडाल को अपना प्रतिद्वंद्वी नहीं बनाना चाहते थे। उन्होंने कहा, "यह एक मनोवैज्ञानिक चुनौती थी।"
फेडरर ने बताया, "मुझे लगता है कि दुनिया कभी-कभी यह समझने में उलझ जाती है कि हम अच्छे दोस्त कैसे हो सकते हैं। लेकिन मेरा मानना है कि यह संभव है कि आप कठिन और निष्पक्ष खेल सकते हैं और साथ ही दोस्ताना भी रह सकते हैं। जब नडाल ने टूर पर कदम रखा, तो आप महसूस कर सकते थे कि उसमें कुछ खास था। वह ग्रैंड स्लैम जीतने वाला था, यह हम सभी को पता था। उस समय मैं शीर्ष पर था, इसलिए उसके लिए मेरा सम्मान करना एक बहुत ही स्वाभाविक और सामान्य बात थी।"
उन्होंने आगे कहा, "मेरे लिए, हमेशा युवा खिलाड़ियों का समर्थन करना बहुत अच्छी बात रही है, इसलिए हमारी दोस्ती बहुत ही सौहार्दपूर्ण तरीके से शुरू हुई। और फिर स्वाभाविक रूप से वह समय आया जब हमारी प्रतिद्वंद्विता बढ़ने लगी। मैंने उसके खिलाफ अपना पहला मैच हारा और उस समय, मैंने सोचा, 'मैं इस खिलाड़ी को यहाँ नहीं चाहता।' मुझे शीर्ष पर अकेला रहना पसंद है। इसलिए मुझे वास्तव में एक तरीका ढूंढना पड़ा और अपने भीतर गहराई में जाकर सोचना पड़ा कि 'अब मैं इससे कैसे निपटने वाला हूँ', क्योंकि यह एक मनोवैज्ञानिक चुनौती थी।"
फेडरर और नडाल के बीच की प्रतिद्वंद्विता टेनिस प्रेमियों के लिए एक महान कथा बन गई है। दोनों खिलाड़ियों ने एक-दूसरे के खिलाफ कई रोमांचक मैच खेले हैं, और उनके मैचों को देखना हमेशा एक शानदार अनुभव रहा है। हालांकि उनकी प्रतिद्वंद्विता मैदान पर बहुत ही कठिन और प्रतिस्पर्धात्मक रही है, लेकिन मैदान के बाहर उनकी दोस्ती ने उन्हें और भी अधिक प्रशंसा दिलाई है।
फेडरर ने बताया कि नडाल के टूर पर आने से पहले, वह खुद को शीर्ष पर अकेला पाते थे और उन्हें अपने प्रतिस्पर्धियों से अधिक चुनौती नहीं मिलती थी। लेकिन नडाल के आने से यह सब बदल गया। नडाल ने अपनी युवा ऊर्जा और अद्वितीय खेल शैली से फेडरर को चुनौती दी और उन्हें अपने खेल में सुधार करने के लिए प्रेरित किया।
फेडरर ने यह भी स्वीकार किया कि नडाल के खिलाफ खेलना उनके लिए एक बड़ी चुनौती थी, लेकिन इसने उन्हें और भी बेहतर खिलाड़ी बनाया। "नडाल के खिलाफ खेलना हमेशा एक कठिन अनुभव होता है, लेकिन इसने मुझे अपने खेल में सुधार करने और नई रणनीतियाँ अपनाने के लिए प्रेरित किया। वह हमेशा मैदान पर अपनी पूरी ऊर्जा और जुनून के साथ खेलता है, और यह चीज़ मुझे भी प्रेरित करती है," फेडरर ने कहा।
उनकी दोस्ती के बारे में बात करते हुए, फेडरर ने कहा, "हमारे बीच हमेशा एक मजबूत दोस्ती रही है। मैदान पर हम प्रतिद्वंद्वी हैं, लेकिन मैदान के बाहर हम एक-दूसरे का सम्मान करते हैं और हमेशा अच्छे मित्र बने रहते हैं। मुझे लगता है कि यही चीज़ हमारी प्रतिद्वंद्विता को और भी विशेष बनाती है।"
नडाल ने भी कई मौकों पर फेडरर के प्रति अपनी प्रशंसा व्यक्त की है। उन्होंने कहा, "रोजर एक महान खिलाड़ी और एक महान व्यक्ति हैं। उनके खिलाफ खेलना हमेशा एक चुनौतीपूर्ण अनुभव होता है, लेकिन मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा है।"
फेडरर और नडाल की प्रतिद्वंद्विता ने टेनिस की दुनिया को कई यादगार पल दिए हैं। दोनों खिलाड़ियों ने एक-दूसरे को प्रेरित किया और अपने-अपने खेल को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया। उनकी दोस्ती और प्रतिद्वंद्विता ने टेनिस प्रेमियों को यह सिखाया कि प्रतिस्पर्धा और दोस्ती एक साथ चल सकती है, और दोनों चीज़ें मिलकर खेल को और भी अधिक सुंदर और प्रेरणादायक बना सकती हैं।
रोजर फेडरर और राफेल नडाल की कहानी एक प्रेरणा है कि कैसे कठिनाइयों और चुनौतियों के बावजूद, दोस्ती और सम्मान को बनाए रखा जा सकता है। उनकी प्रतिद्वंद्विता टेनिस की दुनिया में एक अद्वितीय स्थान रखती है और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा बनी रहेगी।
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