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खेल डेस्क। पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत की ओर से सौ से अधिक खिलाड़ी अपना जलवा दिखाते हुए नजर आएंगे। उन्हीं में एक एशियाई खेलों के रजत पदक विजेता भाला फेंक खिलाड़ी किशोर जेना भी हैं। पेरिस ओलंपिक 2024 शुरू होने से पहले किशोर जेना ने खुद को लेकर बड़ी जानकारी दी है।
उन्होंने खुलासा किया कि लगातार खराब प्रदर्शन के बाद वह 2023 में खेल को छोडऩे की कगार पर थे, लेकिन उन्होंने अपने पिता की सलाह पर खेल जारी रखा। इसके बाद अपने कॅरियर में वापसी करने में सफल रहे।
नीरज चोपड़ा के स्वर्ण पदक से मिली प्रेरणा
भाला फेंक खिलाड़ी किशोर जेना ओलंपिक में नीरज चोपड़ा के स्वर्ण पदक से प्रेरणा मिली है। उन्होंने माना कि नीरज चोपड़ा के स्वर्ण पदक ने उन्हें भाला फेंक में और अधिक हासिल करने के लिए प्रेरित किया था, लेकिन वह प्रभावी प्रदर्शन करने में नाकाम रहे। उन्होंने बताया कि इसके बाद वह पिछले साल जुलाई में विश्व चैंपियनशिप से पहले खेल को छोडऩे के बारे में सोचने लगे थे।
नीरज चोपड़ा की जीत से था हताश
भारत के स्टार भाला फेंच खिलाड़ी जेना खुलासा किया कि नीरज चोपड़ा के ओलंपिक में पदक जितने का हमने जश्न मनाया और उसकी जीत का आनंद लिया। हालांकि इस दौरान उन्होंने ये भी बोल दिया कि ईमानदारी से कहूं तो उस जीत से मैं हताश भी था, क्योंकि मैं भी उसी खेल का हिस्सा था। मैंने महसूस किया कि यह मेरे लिए खेल में कुछ हासिल करने का समय था।
लेबनान राष्ट्रीय चैंपियनशिप में भाले को केवल 78 मीटर की दूरी तक ही फेंक पाने के कारण उन्हें संदेह होने लगा कि क्या इतनी कड़ी मेहनत करने का कोई मतलब है। इसके बाद पिता ने श्रीलंका में अगली प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित किया।
PC: kalingatv
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