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बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की हिंदू एकता पदयात्रा के दौरान सुरक्षा को लेकर कई विवाद सामने आए। यात्रा के दौरान मिली धमकियों और घटनाओं के चलते उनकी सुरक्षा को Z+ श्रेणी में अपग्रेड किया गया है। जानिए इसके पीछे की वजह और पदयात्रा का उद्देश्य।
हिंदू एकता पदयात्रा: उद्देश्य और यात्रा का विवरण
- यह यात्रा बागेश्वर धाम से ओरछा रामराजा सरकार मंदिर तक आयोजित की जा रही है।
- उद्देश्य:
- हिंदू धर्म की एकता को मजबूत करना।
- सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार।
- यात्रा की अवधि: 21 से 30 नवंबर 2024।
- रोजाना लगभग 20 किलोमीटर की दूरी तय की जा रही है।
यात्रा के दौरान पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने समाज में एकता का संदेश दिया और सनातन धर्म के महत्व को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास किया।
Z+ श्रेणी की सुरक्षा: विशेष प्रबंध
- क्यों दी गई Z+ सुरक्षा?
- यात्रा के दौरान हमले की खबरें।
- बार-बार धमकियाँ मिलना।
- बड़ी भीड़ और संवेदनशील माहौल।
- सुरक्षा के विशेष इंतजाम:
- 200 से 400 सुरक्षाकर्मी तैनात।
- सुरक्षा टीम में सरकारी पुलिस, निजी कमांडो और प्रशिक्षित बाउंसर्स।
- 5 स्तर की सुरक्षा घेरे:
- प्रत्येक घेरे में हथियारबंद जवान और प्रशिक्षित कर्मी।
- बाउंसर्स की स्पेशल फोर्स:
- विभिन्न राज्यों से आए 100-200 बाउंसर्स।
- भीड़ प्रबंधन और आसपास की सुरक्षा।
पंडित धीरेंद्र शास्त्री का संदेश
पंडित शास्त्री ने कहा, “आज हिंदू समाज को एकजुट होने की जरूरत है। यह यात्रा धार्मिक एकता का प्रतीक है और सनातन धर्म के आदर्शों को बढ़ावा देने के लिए हमारी प्रतिबद्धता है।”
यात्रा के दौरान उनके प्रवचनों में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए, जिन्होंने इसे एक धार्मिक आस्था और प्रेरणा का स्रोत माना।