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BY HARSHUL YADAV
भारतीय सुरक्षा बल देश की सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। ऐसे में उनकी ट्रेनिंग भी बहुत कठिन होती है। आज हम जानेंगे कि ब्लैक कैट कमांडो (NSG) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की ट्रेनिंग कैसे होती है और इन दोनों में क्या अंतर है।
ब्लैक कैट कमांडो (NSG) की प्रशिक्षण प्रक्रिया
NSG की स्थापना 1984 में आतंकवाद के बढ़ते खतरे को देखते हुए की गई थी। यह एक विशेष बल है जिसका मुख्य कार्य आतंकवाद का मुकाबला करना और वीवीआईपी सुरक्षा प्रदान करना है। NSG कमांडो की ट्रेनिंग बहुत कठिन और चुनौतीपूर्ण होती है। इसमें शामिल होते हैं:
- हथियार प्रशिक्षण
- शारीरिक प्रशिक्षण
- मार्शल आर्ट
- उग्रवाद युद्ध
- शहरी युद्ध
- आपात स्थिति से निपटने की ट्रेनिंग
इसके अलावा, NSG के कमांडो उच्च तकनीकी मशीनों और हथियारों के साथ प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं और विभिन्न प्रकार के आतंकवादी हमलों का सामना करने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित होते हैं।
सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) की प्रशिक्षण प्रक्रिया
CRPF की स्थापना 1939 में ब्रिटिश शासन के दौरान की गई थी। यह एक केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल है जिसका मुख्य कार्य आंतरिक सुरक्षा प्रदान करना है। CRPF चुनावों के दौरान सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी अभियान, नक्सलवाद विरोधी अभियान आदि में शामिल होती है। CRPF के जवान भी कठोर प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं, लेकिन यह NSG कमांडो की तुलना में कम चुनौतीपूर्ण होता है। इसमें शामिल हैं:
- हथियार प्रशिक्षण
- शारीरिक प्रशिक्षण
- आंतरिक सुरक्षा से संबंधित विभिन्न कार्य
CRPF के जवान बड़े पैमाने पर संचालन करने में सक्षम होते हैं और विभिन्न प्रकार के हथियारों और उपकरणों का कुशलता से उपयोग करते हैं।
NSG का 40वां स्थापना दिवस
हाल ही में, केंद्रीय सरकार ने NSG को वीवीआईपी सुरक्षा से पूरी तरह मुक्त करने का आदेश दिया है। इसके तहत, नौ बहुत महत्वपूर्ण व्यक्तियों (VIP) की सुरक्षा अब CRPF को सौंप दी जाएगी। इन VIPs में शामिल हैं:
- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
- पूर्व मुख्यमंत्री मायावती
- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
- पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी
- केंद्रीय शिपिंग मंत्री सरबानंद सोनोवाल
- पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह
- जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद
- नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला
- आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू
सूत्रों का कहना है कि NSG का यह निर्णय उसकी विशेष क्षमताओं पर 'भार' के रूप में साबित हो रहा था। NSG ने अपने 40वें स्थापना दिवस का आयोजन बुधवार को किया।
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