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pc: indiatv
बांग्लादेश में हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना इस्तीफा देकर भारत चली आई हैं, जहां से वह अब लंदन जाने की कोशिश कर रही हैं। बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल और तख्तापलट ने ज्योतिर्मठ शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने भी अपनी चिंता व्यक्त की है।
बांग्लादेशी सेना से शंकराचार्य की अपील
बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल और सैन्य शासन लागू होने पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने नागरिकों की सुरक्षा के लिए सेना द्वारा अपने कर्तव्य को पूरा करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा- हमें बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल के बारे में जानकारी मिली है। देश में सेना का शासन है। हमें उम्मीद है कि सेना नागरिकों की सुरक्षा के लिए अपना कर्तव्य जरूर निभाएगी। उन्होंने आगे कहा- ''बांग्लादेश में करीब 10 प्रतिशत हिंदू रहते हैं। उनकी सुरक्षा जरूरी है। इसलिए वह बांग्लादेश की सेना से हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील करेंगे।''
हिंदू मंदिरों और अल्पसंख्यकों पर हमलों में वृद्धि
तख्तापलट के बाद, बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले तेज हो गए हैं। चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच, ढाका और अन्य शहरों में हिंदू मंदिरों को निशाना बनाया गया है और अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हमला किया गया है।
दो दिनों में 100 से ज़्यादा मौतें
बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकार-उज़-ज़मान ने सोमवार दोपहर को घोषणा की कि शेख़ हसीना ने इस्तीफ़ा दे दिया है। अंतरिम सरकार सत्ता संभालने जा रही है। पिछले दो दिनों में हसीना सरकार के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शनों में 100 से ज़्यादा लोग मारे जा चुके हैं।
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