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PC: ABPNEWS
बिहार के दो बड़े नेता लालू प्रसाद यादव और जीतन राम मांझी जाति को लेकर आमने सामने हो गए हैं और एक दूसरे को लेकर बयानबाजी कर रहे हैं। कुछ दिनों पहले एक्स (X) पर मांझी ने लालू यादव के लिए कहा था कि अगर उनमें हिम्मत है तो वह भी कहकर दिखाएं कि हम गरेड़ी हैं.
इस पर लालू यादव से पत्रकारों ने पूछा तो उन्होंने जवाब में आरजेडी सुप्रीमो ने कहा कि ''ऊ मुसहर है?''
लालू के इस बयान पर मांझी ने प्रतिक्रिया दी और अपने एक्स अकाउंट पर एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा- "लालू जी, हम मुसहर-भुईयां हैं, हमारे पिता मुसहर-भुईयां थे, हमारे दादा मुसहर-भुईयां थे, हमारे परदादा मुसहर-भुईयां थे, हमारा तो पूरा खानदान ही मुसहर-भुईयां है और हम तो गर्व से कहतें हैं कि हम मुसहर, भुईयां हैं। "
मांझी ने क्या लिखा था?
कुछ दिनों पहले एक्स पर मांझी ने लिखा था, "विपक्षी दलों के गुंडे हमारे घर, दरवाजों को तोड़ सकते पर हमारे लोगों का हौसला नहीं तोड़ सकते। घर जलाने वाले लोगों के संरक्षक लालू पाल (गरेड़ी) जी आप राजनीति के लिए अपनी जाति छुपा सकतें हैं पर हम नहीं। हम गर्व से कहतें हैं “हम मुसहर हैं।”लालू जी में हिम्मत है तो वह भी कहकर दिखाएं कि हम गरेड़ी हैं। "
गरमाई सियासत
लालू यादव और जीतन राम मांझी लगातार एक दूसरे पर बयानबाजी कर रहे हैं जिस से बिहार की राजनीति गरमा गई है। आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने भी बड़ा बयान देते हुए कहा था कि पीएम मोदी की संगत में रहकर मांझी भी अब उन्हीं की भाषा बोलने लगे हैं। सबको मालूम है कि 90 के दशक में लालू यादव सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़कर दलितों पिछड़ों की आवाज बने। उसी का नतीजा है कि आज जीतन राम मांझी केंद्रीय कैबिनेट में मंत्री बने बैठे हैं। लालू यादव की देन है कि आज बीजेपी में भी उनकी पूछ हो रही है। जीतन राम मांझी जाति प्रमाण पत्र न बांटें।
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