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इंटरनेट डेस्क। तिरुपति बालाजी मंदिर प्रसाद के लड्डू में मिलावटी घी का मामला गर्माता जा रहा है। इस मामले में पूर्व सीएम से लेकर मौजूदा सीएम तक बयानबाजी में लगे है। ऐसे में अब इसमें राजनीति भी शुरू हो चुकी है। वैसे बताया जाता हैं कि हिंदू धर्मग्रंथों में इस मंदिर का जिक्र कलियुग के दौरान भगवान विष्णु के सांसारिक निवास स्थान के रूप में किया गया है। वहीं प्रसाद वाले लड्डू में मिलावट के बाद अब ध्यान मंदिर के शिलालेखों पर केंद्रित हो गया है।
इन शिलालेखों पर क्या लिखा हैं
जानकारी के अनुसार इन शिलालेखों में इस बात का उल्लेख मिलता है कि प्रसाद में इस्तेमाल होने वाली सामग्री खास तौर से घी को किस तरह संभाल कर रखा जाए, इसके उपाय बताए गए हैं। तिरुमाला और तिरुपति के मंदिरों में 1,150 शिलालेख हैं, जिनमें से 700 अकेले तिरुमाला मंदिर की दीवारों पर खुदे हुए हैं। 8वीं और 18वीं शताब्दी के शिलालेख संस्कृत, तमिल, तेलुगु और कन्नड़ में हैं।
प्रसाद के बारे में क्या हैं
एक मीडिया संस्थान की रिपोर्ट के अनुसार ऐसा एक शिलालेख मंदिर के ‘आनंद निलयम’ के पहले प्राकरम की उत्तरी दीवार पर पाया जाता है, जो गर्भगृह के ऊपर की छतरी है। यह आज भी ‘विमान वेंकटेश्वर’ की मूर्ति के पास पाया जा सकता है। 1019 ई. में राजेंद्र चोल-प्रथम के सातवें शासनकाल का शिलालेख, मंदिर के लिए किए गए दान और प्रसाद में इस्तेमाल होने वाली सामग्री के इंतजाम के बारे में बताता है।
pc- bhaskar
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