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pc: abplive
कांवड़ यात्रा हाल ही में नाम-प्लेट अनिवार्य करने के नए नियम के कारण विवाद का केंद्र बन गई है। विपक्षी दलों के साथ-साथ कई भाजपा नेताओं ने इस फैसले का विरोध किया है। सरकार के निर्देश के अनुसार, उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा मार्ग पर खाने-पीने की चीजें बेचने वाले सभी विक्रेताओं को अपनी पहचान प्रदर्शित करनी होगी।
कांग्रेस नेता ने नाम-प्लेट विवाद के बीच शेयर किया वीडियो
इस नाम-प्लेट विवाद के बीच, कांग्रेस नेता संदीप सिंह ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया है। वीडियो में मुस्लिम समुदाय के सदस्य कांवड़ियों के लिए मार्ग तैयार करते हुए दिखाई दे रहे हैं। इस पहल का उद्देश्य यातायात प्रवाह को बनाए रखना और भीड़भाड़ को कम करना है, जिससे कांवड़ियों के लिए यात्रा आसान हो सके।
संदीप सिंह ने ट्विटर पर वीडियो पोस्ट करते हुए कैप्शन लिखा, "कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी सदियों रहा है दुश्मन दौर-ए-ज़माँ हमारा मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना हिन्दी हैं हम वतन है हिन्दोस्ताँ हमारा।"
नाम-प्लेट का मुद्दा क्या है?
कांवड़ यात्रा 22 जुलाई से शुरू होने वाली है। इस यात्रा से पहले एक नया नियम लागू किया गया है, जिस पर विवाद हो गया है। सरकार के आदेश के अनुसार, कांवड़ यात्रा मार्ग पर सभी विक्रेताओं को अपनी पहचान बताने वाली नेमप्लेट लगानी होगी। यह होटल, ढाबे, दुकानें और स्टॉल पर लागू होता है। इसका उद्देश्य कांवड़ियों को यह बताना है कि वे किससे सामान खरीद रहे हैं। उत्तर प्रदेश के बाद उत्तराखंड में भी इसी तरह के आदेश जारी किए गए हैं।
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