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नयी दिल्ली। भारत के 25 हवाईअड्डे 100 प्रतिशत हरित ऊर्ज़ा का उपयोग कर रहे, वहीं अन्य 121 हवाईअड्डे शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को 2025 तक प्राप्त कर लेंगे। केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिधिया ने बृहस्पतिवार को यह कहा।
सिधिया ने दो दिवसीय 'यूरोपीय संघ-भारत विमानन शिखर सम्मेलन’ को वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया। कोरोना वायरस से संक्रमित होने की वजह से वह इस सम्मेलन में प्रत्यक्ष रूप से उपस्थित नहीं हो सके।जलवायु परिवर्तन से निपटना भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) के लिए एक साझा लक्ष्य है, इस पर जोर देते हुए सिधिया ने कहा, ''उत्सर्जन में विमानन उद्योग की हिस्सेदारी पर कड़ी नजर है। विमानन उद्योग से कार्बन उत्सर्जन को कम करने और इसके असर को दूर करने के लिए हमने कई कदम उठाए हैं।’’
नागर विमानन मंत्री ने कहा, ''हम अपने हवाई अड्डों को 2024 तक हरित ऊर्ज़ा का इस्तेमाल करने और 2030 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को पाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। भारत के 25 हवाईअड्डे 100 प्रतिशत हरित ऊर्ज़ा का उपयोग कर रहे, वहीं हमारा लक्ष्य है कि अन्य 121 हवाईअड्डे 2025 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त कर लें।’’यह शिखर सम्मेलन बृहस्पतिवार से शुरू हुआ है। इसमें यूरोपीय संघ और भारत के बीच हवाई परिवहन संबंध, दोनों क्षेत्रों में परस्पर साझा चुनौतियों और अवसरों पर बात होगी। इस सम्मेलन में ईयू और भारत के शीर्ष स्तर के नीति निर्माता, उद्योग के अधिकारी और हितधारक शामिल होंगे।
सिधिया ने कहा कि भारत ने देश में विमान विनिर्माण को बढ़ावा देने की खातिर नियामक माहौल को बेहतर किया है। उन्होंने यूरोपीय संघ के उद्योग जगत से अवसरों का लाभ उठाने और दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते विमानन उद्योग का हिस्सा बनने का आह्वान किया।