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इंटरनेट डेस्क। शिवसेना राजनीतिक संकट एक साल बाद फिर से चर्चाओं में है इसका कारण यह है की इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद अपने फैसले को सुरक्षित रख लिया है और कहा है की महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार को फिर से कैसे बहाल कर सकते है, जबकि उसे विश्वास मत हासिल करने की राज्यपाल की कार्रवाई अवैध लगती है।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जजों की बैंच ने कहा की पूर्व मुख्यमंत्री ने यह स्वीकार करते हुए कि वे अल्पमत में थे, शक्ति परीक्षण का सामना किए बिना ही इस्तीफा दे दिया था। ऐसे में कैसे उद्धव ठाकरे सरकार को फिर से बहाल कर सकते है। शिवसेना राजनीतिक संकट के मद्देनजर दायर याचिकाओं पर सुनवाई हो चुकी है।
इस मामले में न्यायाधीशों की संविधान पीठ की अध्यक्षता करने वाले प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ ने सुनवाई की और शीर्ष अदालत ने नौ दिनों तक दलीलें सुनने के बाद, महाराष्ट्र राजनीतिक संकट के संबंध में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।