- SHARE
-
नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने धन शोधन के एक मामले में दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन को चिकित्सा आधार पर 11 जुलाई तक अंतरिम जमानत दे दी है।
न्यायमूर्ति जे के माहेश्वरी और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ ने शुक्रवार को जैन को अपनी पसंद के अस्पताल में इलाज कराने की अनुमति दी और उनसे 10 जुलाई तक चिकित्सा रिकॉर्ड पेश करने को कहा।
उसने जैन को अंतरिम जमानत की अवधि के दौरान मीडिया से बात न करने का भी निर्देश दिया।जैन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि पूर्व मंत्री का वजन 35 किलोग्राम कम हो गया है और वह रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्या से परेशान हैं।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल एस वी राजू ने जैन की अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) या राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा चिकित्सा जांच कराए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि अगर मेडिकल रिपोर्ट में इलाज की जरूरत बताई जाती है तो जांच एजेंसी इसका विरोध नहीं करेगी।
पीठ ने कहा कि वह सुनवाई की अगली तारीख पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) या राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा जैन की चिकित्सा जांच पर गौर करेगी।प्रवर्तन निदेशालय ने जैन से कथित तौर पर जुड़ी चार कंपनियों के जरिए धन शोधन के आरोप में पिछले साल 30 मई को उन्हें गिरफ्तार किया था।
इससे पहले, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के तहत 2017 में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। उन्हें सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में छह सितंबर 2019 को निचली अदालत ने नियमित जमानत दे दी थी।तिहाड़ जेल में बंद आम आदमी पार्टी (आप) के नेता एवं दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन, 25 मई बृहस्पतिवार को चक्कर आने से शौचालय में गिर पड़े, जिसके बाद उन्हें एक सरकारी अस्पताल के आईसीयू भर्ती कराया गया।इससे पहले, जैन को तबीयत ठीक न होने की वजह से सोमवार को सफदरजंग अस्पताल भी ले जाया गया था।
Pc:Lok Shakti.in