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इंटरनेट डेस्क। राहुल गांधी के साथ ही विपक्ष द्वारा लेटरल एंट्री से नियुक्तियों का विरोध करने पर केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार इस संबंध में यू-टर्न लेना पड़ा है। केन्द्र सरकार ने संघ लोक सेवा आयोग को पत्र लिखकर लेटरल एंट्री से भर्ती के विज्ञापन को रद्द करवा दिया है। इस संबंध में लोकसभा में नेत प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी सोशल मीडिया के माध्यम से पीएम मोदी पर निशाना साधा था।
PC: abplive
इस पर अब राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस संबंध में मंगलवार को ट्वीट किया कि सडक़ से लेकर संसद तक दलित, आदिवासी, पिछड़े और शोषित वर्गों के हक की आवाज बनकर लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिाकार्जुन खडग़े ने हमेशा संघर्ष किया है।
राहुल जी ने दलित और आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा के साथ-साथ फिर एक बार आरक्षित वर्ग की पैरवी करके उनके संवैधानिक अधिकारों की रक्षा की है। भाजपा ने जिस प्रकार से लेटरल एंट्री का प्रावधान निकाला था वह असंवैधानिक था और आज भारी दबाव के बाद वापस लेना पड़ा। कांग्रेस पार्टी सभी समुदायों के अधिकारों और न्याय की रक्षा के लिए समर्पित है। जय संविधान।
PC: aajtak
राहुल गांधी ने कही थी ये बात
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने इस संबंध में ट्वीट किया था कि नरेंद्र मोदी संघ लोक सेवा आयोग की जगह ‘राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ’ के ज़रिए लोकसेवकों की भर्ती कर संविधान पर हमला कर रहे हैं। केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में महत्वपूर्ण पदों पर लेटरल एंट्री के ज़रिए भर्ती कर खुलेआम एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग का आरक्षण छीना जा रहा है।
PC: jansatta
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