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इंटरनेट डेस्क। अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन से पहले कई तरह के विवाद भी सामने आ रहे है। चारों शंकराचर्य मंदिर अधूरा होने का दावा कर समरोह में नहीं जा रहे है तो कई लोग मोदी के मुख्य यजमान बनने पर भी उंगली उठा रहे है। वहीं जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा है कि रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के लिए मंदिर का पूरा बनना जरूरी नहीं है।
मीडिया रिपोटर्स की माने तो उन्होंने बताया, “शिखर का निर्माण न होने की बात कहकर 22 जनवरी 2024 के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का विरोध गलत है। इस आधार पर विरोध करने वाले मूर्ख हैं और उन्हें शास्त्रों का ज्ञान नहीं है। गर्भगृह का निर्माण हो चुका है, यहीं पर रामलला को मूल प्रतिष्ठित होना है और यह हिस्सा बन गया है।
मीडिया रिपोटर्स की माने तो यजमान के सवाल पर रामभद्राचार्य ने बताया की यजमान वह हो सकता है जो सात्विक हो, जिसका आहार-विहार और व्यवहार संयमित हो। ऐसे में पीएम मोदी जी को चुना गया है, वह 11 दिन से उपवास कर रहे हैं, वह संयमित व्यक्ति हैं और प्रधानमंत्री होकर भी नॉनवेज नहीं खाते हैं। उन्हें प्राण-प्रतिष्ठा करने के लिए अधिकृत करने में कुछ भी गलत नहीं है।
pc- etv bharat
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