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इंटरनेट डेस्क। राजस्थान में विधानसभा चुनावों में भाजपा को 115 सीटों के साथ बहुमत मिला तो पार्टी के सब बड़े नेता खुश थे और उसके साथ ही श्रीकरणपुर सीट के उपचुनाव में अपनी जीत को लेकर आश्वस्त भी थे। लेकिन सबकुछ उल्ट पुल्ट हो गया और सारी रणनीति धरी की धरी रह गई।
भाजपा ने यहां से प्रत्याशी सुरेंद्रपाल सिंह टीटी को बिना चुनाव जीते मंत्री बना दिया और उसका कारण था कांग्रेस के प्रति लोगों की सहानुभूति को खत्म करना। ऐसा इसलिए की चुनावों के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी और पूर्व नेता गुरमीत सिंह कुन्नर का निधन हो गया गया था और यहां से उनके बेटे रूपिंदरपाल को कांग्रेस ने प्रत्याशी बना दिया था।
ऐसे में सर्वे रिपोर्ट में आ रहा था कि कांग्रेस के रूपिंदरपाल सिंह कुन्नर सहानुभूति के नाते चुनाव जीत सकते है। मीडिया रिपार्ट की माने तो ऐसे में दिल्ली में भाजपा के एक बड़े नेता के आवास पर यह सब तय हुआ की कांग्रेस प्रत्याशी के प्रति सहानुभूति को खत्म करने के लिए प्रत्याशी सुरेंद्रपाल सिंह टीटी को मंत्री बना दिया जाए ताकी चुनावों में जीत तय की जा सकें।
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